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रायपुर.
अर्श से फर्श पर पटक दिए गए आईपीएस मुकेश गुप्ता अपने महकमे से अलग हो सकते हैं. वे इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद पुनीत गुप्ता की राह पकड़ सकते हैं.
डॉ. पुनीत गुप्ता के खिलाफ कांग्रेस नेत्री व पूर्व महापौर किरणमयी नायक ने रायपुर के पंडरी थाने में 3 फरवरी की देर रात एफआईआर दर्ज कराई थी. अंतागढ़ टेपकांड को लेकर दर्ज कराई गई इस शिकायत में पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी, अमित जोगी, पूर्व मंत्री राजेश मूणत का नाम भी शामिल किया गया है.
इसके दूसरे ही दिन डॉ. पुनीत गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज में ओएसडी बतौर की गई पदस्थापना से अपना इस्तीफा सौंप दिया था. उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका भी दायर की थी जिसे खारिज किया जा चुका है.
बहरहाल, डॉ. पुनीत गुप्ता से जुड़ा ये ब्यौरा आईपीएस मुकेश गुप्ता के मामले में दोहराया जा सकता है. 9 फरवरी को राज्य सरकार ने नागरिक आपूर्ति निगम घोटाला (नान) घोटाले में उन्हें निलंबित कर दिया है.
इससे पहले ईओडब्ल्यू ने डीजी मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ धारा 166, 166ए,(बी) 167, 193, 194, 196, 201, 218, 466, 467, 471, 120बी तथा भारतीय टेलिग्राफ़ एक्ट 25, 26 सहपठित धारा 5 (2) के तहत मामला पंजीबद्ध किया था.
इस एफआईआर और सस्पेंशन के बाद खबरें हैं कि आईपीएस गुप्ता कानूनी सलाह ले रहे हैं. खबरें ये भी हैं कि वे स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन कर सकते हैं.
पहले भी मिले झटके
वीआरएस की ओर आगे बढऩे के लिए आईपीएस गुप्ता के पास काफी वजहे हैं. हालही में ईओडब्लू द्वारा की जा रही उनके खिलाफ जांच को रोकने के लिए दायर की गई याचिका हाईकोर्ट ठुकरा चुका है.
यह भी दिलचस्प है कि शायद यह पहली याचिका है जिसमें गुप्ता को सफलता नहीं मिली. इससे पहले कई शिकायतों और जांच से बचने के लिए वे कोर्ट का रुख कर चुके हैं और बचने में कामयाब भी रहे हैं.
इसके बाद उनके खिलाफ एफआईआर.. और फिर निलंबन की कार्रवाई की गई है. पुलिस महकमे के सूत्र यह भी बताते हैं कि ईओडब्लू सबूतों के साथ आगे बढ़ रही है और संभव है कि आईपीएस गुप्ता गिरफ्तार कर लिए जाएं.