रायपुर.
रात अपने शबाब पर थी. . . घडी़ की टिक-टिक सुनाई दे रही थी. . . यह भी सुनाई दे रहा था कि नया इतिहास लिखा जा रहा है. . . लेकिन यह क्या ? इस इतिहास को हर कोई न सहीं लेकिन स्पेशल डीजी मुकेश गुप्ता व एसपी रजनेश सिंह भुलाना चाहेंगे . . . आखिर क्यों . . ? क्योंकि आईपीएस गुप्ता व आईपीएस सिंह ने जिस ईओडब्ल्यू में अपना हुक्म चलाया वही ईओडब्ल्यू इन्हें बतौर आरोपी दर्ज कर रहा था.
यह छत्तीसगढ़ के इओडब्लू की अब तक कि सबसे बड़ी करवाई है. अपने ही पूर्व एडीजी मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह के खिलाफ देर रात अपराध दर्ज कर लिया.
दोनों के खिलाफ जिन धाराओं में अपराध पंजीबद्ध किया गया है, वह बेहद गंभीर और गैर जमानती है.
इसके साथ ही डीजी और जिले के एसपी रैंक जैसे किसी अफसर के खिलाफ अपराध कायम करने का प्रदेश का यह पहला मामला होगा.
आईपीएस मुकेश गुप्ता और एसपी रजनेश सिंह पर आरोप है कि इन दोनों ने मिथ्या साक्ष्य गढ़ते हुए अपराधिक षड्यंत्र किया.
कूटरचित दस्तावेज तैयार किए. अवैध रुप से फोन टैपिंग कराई गई. न्यायालयीन प्रक्रिया को गुमराह किया.
ईओडब्लू और एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर 6/2019 है. मुकेश गुप्ता तत्कालीन एडीजी एसीबी और इओडब्लू आरोपी क्रमांक हैं. दूसरे क्रम पर वर्तमान में नारायणपुर में बतौर एसपी पदस्थ रजनेश सिंह का नाम है.
डीजी मुकेश गुप्ता और रजनेश सिंह के खिलाफ गत दिनों वीरेन्द्र पांडेय ने मय तथ्य शिकायत की थी. जांच हुई और नतीजा सबके सामने है.
इन पर धारा 166,166A (b),167,193,194,
196,201,218,466,467,471 और 120 B के तहत मामला दर्ज किया गया है.