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रायपुर.
कांग्रेस नेत्री किरणमयी नायक की शिकायत के बाद अग्रिम जमानत की याचिका लिए फिर रहे डॉ. पुनीत गुप्ता और मंतूराम पवार को बड़ा झटका लगा है. चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं संत्र न्यायाधीश विवेक कुमार वर्मा ने दोनों की ही याचिका रद्द कर दी है.
पुनीत और पवार पर लटकी तलवार
न्यायालय के इस फैसले के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता और भाजपा नेता मंतूराम पवार पर जेल जाने का खतरा मंडराने लगा है.
न्यायालय ने याचिका पर फैसला सुनाते हुए टिप्पणी की है कि प्रकरण की विवेचना प्रारंभिक स्तर पर है, प्रकृति गंभीर है अत: अग्रिम जमानत दिया जाना उचित प्रतीत नही होता.
डॉ पुनीत गुप्ता और मंतुराम पवार की ओर से अधिवक्ता हितेंद्र तिवारी और पूर्व उप महाधिवक्ता अनिल पिल्ले ने पक्ष रखा था. जबकि शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा उपस्थित हुए थे.
शासन का क्या तर्क था
राज्य सरकार ने प्रकरण को अत्यंत गंभीर बताते हुए अदालत में याचिका पर आपत्ति करते हुए यह तथ्य भी दिया है कि, डॉ पुनीत गुप्ता ने एफआईआर दर्ज होने के बाद नौकरी छोड दी है. जब अंतागढ़ प्रकरण हुआ था वे विदेश में थे और उन्होने तब भूमिका निभाई. मंतुराम पवार को लेकर राज्य सरकार ने यह आपत्ति की है कि, पूरे प्रकरण में मंतूराम सबसे अहम किरदार रहे हैं.