रायपुर
रिश्वत देने के प्रयास में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए गए प्रदेश के आईएएस बाबूलाल अग्रवाल के मामले में नित नए रोज खुलासे हा रहे हैं। अग्रवाल के संबंध में अब यहां तक पता चला है कि उन्होंने सीबीआई में केस रजिस्टर्ड होने के बाद भी रुपयों के बल पर पदोन्नति प्राप्त की थी। इस मामले में कई और अधिकारी विवाद में आ सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि अग्रवाल प्रदेश के पहले ऐसे आईएएस हैं जिन्हें सीबीआई ने पिछले महिने गिरफ्तार किया था। अग्रवाल पर आरोप है कि उन्होंने सीबीआई को डेढ़ करोड़ की रिश्वत देने का प्रयास किया था। इसी प्रयास में 18 फरवरी को सीबीआई हरकत में आई थी। सीबीआई ने पहले अग्रवाल के घर पर दबिश दी और उसके बाद उन पर हाथ डाला था।
अब तक क्या कुछ हुआ..
18 फरवरी की छापेमारी के बाद 21 फरवरी को अपने साले आनंद अग्रवाल सहित बिचौलिए भगवान सिंह के साथ अग्रवाल हिरासत में ले लिए गए थे। 22 फरवरी को हैदराबाद से सैयद बुरहानुद्दीन को सीबीआई ने धर दबोचा था। तब से ये सारे के सारे सीबीआई के मेहमान है। बीते शुक्रवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया गया था जहां से फिर ये 30 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए हैं। अग्रवाल के वकील ने जज बीरेंद्र कुमार गोयल के सामने जमानत की अर्जी लगाई थी जिसे खारिज करते हुए हिरासत की अवधि बढ़ा दी गई।
इधर, मामले को लेकर आए दिन के खुलासे अग्रवाल के लिए मुसीबत खड़ी कर रहे हैं। बताया जाता है कि अग्रवाल का प्रमोशन भी नियम विरुद्ध तरीके से हुआ है। अग्रवाल को प्रमोट करने के लिए छत्तीसगढ़ के दो-चार अफसरों ने अपनी लाईन क्रास की थी। रुपयों के दम पर अग्रवाल ने पदोन्नति पाई थी इसका भी खुलासा आने वाले दिनों में हो सकता है। यदि ऐसा हुआ है तो यह बेहद गंभीर मामला है।