ये वही तनूजा सलाम हैं, जिनकी कार्यशैली अब भी निगाह में है

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राजनांदगांव.

2008 बैच की राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी तनूजा सलाम एक बार फिर राजनांदगांव लौट रही हैं. इससे पहले वे यहां डोंगरगांव में बतौर अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) काम कर चुकीं हैं.

बालोद जिले में अपर कलेक्टर की जिम्मेदारी निभा रहीं तनूजा सलाम को जिला पंचायत राजनांदगांव का मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया गया है. आदेश सोमवार की शाम राज्य सरकार ने जारी किया है.

इस नियुक्ति के साथ ही उनके डोंगरगांव में एसडीएम के कार्यकाल से जुड़ा एक बड़ा मामला भी याद आता है जिस पर आज तक पर्दा डला हुआ है. मामला 18 जुलाई 2012 का है.

तब कुबेर के खजाने पर पड़ा था छापा?

उस दौरान कुबेर का खजाना कहे जाने वाले पाटेकोहरा बेरियर में सुश्री सलाम ने अचानक दबिश दी थी. बेरियर के प्रभारी निरीक्षक आनंद शर्मा थे जो कि उस दौरान वहां मौजूद नहीं थे. लेकिन उनके मातहत यहां पदस्थ अन्य कर्मचारी वहां अपनी ड्यूटी पर थे. पाटेकोहरा बेरियर उगाही के लिए जाना जाता था. यहां से रोजाना लाखों रुपए इधर-उधर किए जाने की खबर सामने आती थी.

मुद्दे पर लौटें तो सुश्री सलाम ने औचक कार्रवाई के बाद जांच और प्रभारी निरीक्षक से स्पष्टीकरण मांगे जाने की बात कही थी. दूसरी ओर प्रभारी निरीक्षक रहे आनंद शर्मा ने किसी भी प्रकार की कार्रवाई से इंकार किया था.

जो भी हुआ हो, पर इसके बाद सुश्री सलाम ने चुप्पी साध ली. न ही किसी कार्रवाई का ब्यौरा मिला और न ही कोई एक्शन लिया गया. यह चुप्पी क्यूं साधी गई ये अब तक अनसुलझा पहलू रहा है.

वैसे पूर्ववर्ती सरकार ने जाते-जाते प्रदेश के सारे बेरियर हटा दिए थे. पाटेकोहरा बेरियर भी अब अपने अस्तित्व में नहीं है. लेकिन पुराना मामले को लेकर सुश्री सलाम की कार्यशैली अब भी निगाह में है.

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