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रायपुर.
अंतागढ़ टेप कांड पर रोज बरोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं. यह मामला नई पेचिदगियों के साथ आगे बढ़ रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी मंतूराम पवार की खरीद-फरोख्त में किस-किस की क्या-क्या भूमिका थी इसे लेकर जांच चल रही है. लेकिन इसमें अब यह भी जोड़ा जा रहा है कि मंतूराम पवार का नामांकन तय समय के बाद वापस लिया गया था.
उपचुनाव के दौरान आखिरी वक्त में कांग्रेस को झटका देने वाले मंतूराम पवार लगातार सुर्खियों में हैं. अब इस मामले में प्रशासनिक तंत्र पर भी सवाल उठ रहे हैं.
सूत्र कहते हैं कि, प्रत्याशी रहेे मंतूराम पवार का नामांकन नाम वापसी की दिनांक में तय समय निकल जाने के बाद वापस लिया गया. यह कैसे संभव है.. जाहिर है इसमें प्रशासनिक तंत्र पर मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं.
सूत्र बताते हैं कि इस मामले की जानकारी रखने वालों का दावा यही है कि, बातचीत फाइनल होने तक समय निकल चुका था. बावजूद इसके बाद में नामांकन वापसी के लिए घड़ी की सुईयां घुमा दी गईं.
अंतागढ़ उपचुनाव के दौरान आईएएस अलरमेलमंगई डी वहां रिटर्निंग अफसर थीं. इससे पहले सूत्रों ने यह भी दावा किया था कि अंतागढ़ टेप कांड मामले में 4-5 आईएएस-आईपीएस अफसरों के नाम भी सामने आ सकते हैं.
टेप कांड के मुख्य पात्र मंतूराम पवार ने इस मामले को लेकर नेशन अलर्ट से बातचीत में कहा कि, मैंने तय समय पर नाम वापस लिया था जो खबर उड़ाई जा रही है, वह गलत है.
दूसरी ओर आईएएस अलरमेलमंगई डी से भी उनका पक्ष जानने के लिए संपर्क साधा गया. फोन रिसीव भी हुआ लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई.