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रायपुर.
चिप्स में छापेमारी का दौर चल रहा है. इधर ईओडब्लू के आईजी एसआरपी कल्लूरी खुद भी इस जांच को लेकर सक्रिय हो गए हैं. शनिवार को उन्होंने चिप्स के दफ्तर में दबिश दी.
चिप्स के खिलाफ अरबों के टेंडर घोटाले की जांच चल रही है. मामला ईओडब्लू के हाथ में है. जिम्मेदारी आईपीएस अफसर एसआरपी कल्लूरी को मिली है. विभाग के एसपी आईके एलेसेला भी जांच से जुड़े हुए हैं.
आईजी कल्लूरी की चिप्स के दफ्तर में दबिश से पहले ही एसपी आईके एलेसेला ने यहां से काफी कुछ बरामद कर लिया है. जो जब्त हुआ है उनमें काफी दस्तावेजों के अलावा कंप्यूटर से डेटा इकठ्ठे किए गए हैं.
प्रदेश का शायद पहला ऐसा मामला है जिसमें शासन के एक डिजीटल डिपार्टमेंट के खिलाफ जांच की जा रही है. ईओडब्लू के लिए तकनीक से जुड़ी चीजें साक्ष्य बतौर बटोरना भी एक चुनौती साबित हो सकती है.
कैग ने अपनी रपट में टेंडर घोटाले का कुल आंकड़ा 4 हजार 601 करोड़ के लगभग बताया है. यह घोटाला 17 विभागों में लगभग दो हजार टेंडरों को लेकर गड़बड़ी की गई है. यह आंकड़ा ईओडब्लू की जांच के दौरान बढ़ भी सकता है.
जांच में ईओडब्लू सीधे तौर पर वरिष्ठ अधिकारियों को निशाने पर ले रहा है. दरअसल ऐसा इसलिए भी है क्यूंकि कई आईपी एड्रेस ट्रेस किए गए हैं जिनमें से टेंडर की जानकारी अपलोड की गई और फिर उन्हीं कंप्यूटरों से टेंडर भर दिए गए. मैक आईडी भी ट्रेस हुई हैं. मैक कंप्यूटर प्राय: वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस्तेमाल किए जाते हैं.
साफ है कि इस अरबों के घोटाले में बड़े अधिकारियों की सीधी मिलीभगत थी. एसपी एलेसेला कह भी चुके हैं कि जांच के राडार में तत्कालीन पीएस, सेक्रेट्री और सीईओ भी आ रहे हैं और उन्हें पूछताछ के लिए तलब भी किया जाएगा.