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रायपुर.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज पूरी रंगत में नजर आए. दरअसल उन्होंने कलेक्टर-एसपी कान्फ्रेंस में एक ऐसा सवाल किया कि पूरे कान्फ्रेंस हाल में सन्नाटा पसर गया.
मुख्यमंत्री बघेल ने कलेक्टर से यह पूछा था कि आईएएस पर से आईआरएस हटा दिया हूं तो कैसा लग रहा है? मुख्यमंत्री फेलो भी हट गए हैं. ये एक ऐसा सवाल था जिस पर तमाम जिलाधीश ने चुप्पी साध ली.
पिछली सरकार से अभी भी डरे हुए हैं
मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि लगता है पिछली सरकार से अभी भी डरे हुए हैं. अपने सवाल का जवाब नहीं आने पर उन्होंने कुछ इसी तरह समझ कर आगे की बात करने की बात कही.
भाषण की शुरूआत में ही सीएम ने कलेक्टर-एसपी की कमजोर नस पर हाथ रखा. उन्होंने कहा कि जो काम थाने स्तर पर, तहसील स्तर पर, एसपी स्तर पर, जिलाधीश स्तर पर निपटने चाहिए वह काम मुझ तक आ रहे हैं.
अपनी नाकामियों पर किसी को कुछ भी नहीं कहते बना. सारे हाल ने जैसे एक तरह से खामोशी की चादर ओढ़ ली थी. डीएमएफ की बंदरबाट पर उन्होंने कहा कि यह ठेकेदारों के लिए नहीं है. अत: कलेक्टर इस मत का उपयोग ठेकेदारों को उपकृत करने न करें.
दरअसल आईआरएस से उनका इशारा पूर्व मुख्यमंत्री के सचिव रहे अमन सिंह की ओर ही था. इस पर किसी ने भी किसी भी तरह की न तो टिप्पणी की और न ही सवाल का जवाब दिया.
सब एक दूसरे की ओर देखने लगे. हां इतना जरूर है कि पिछली सरकार में परेशान रहे कुछ अफसरों के चेहरे पर मुस्कान बिखर आई है.