बिलासपुर ।
गणेश शंकर विद्यार्थी ने गरीबीे हालात में अल्प आयु में ही पत्रकारिता के साथ समाज सेवा का प्रण लिया था। जब हमारा देश आजाद नहीं था। उनकी निर्भीक पत्रकारिता सत्य लेखनी उस पर अडिग रहने की आदत और सामाजिक सद्भावना आज की पत्रकारिता के लिए प्रेरणा स्त्रोत हैं। उक्त बातें आज आईएम भवन में छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ बिलासपुर में आयोजित गणेश शंकर विद्यार्थी जी के पुण्य तिथि पर आयोजित व्याख्यान माला में राष्ट्रीय अध्यक्ष इंडियन फेडरेशन आॅफ मीडिया श्री राधा वल्लभ शारदा ने कही।
श्री शारदा ने विद्यार्थी जी के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए पत्रकारिता के क्षेत्र में विद्यार्थी को अपना आदर्श बताया। श्री शारदा ने बताया कि उनके द्वारा गणेश शंकर विद्यार्थी के पुण्य तिथि पर बिलासपुर सहित मध्यप्रदेश के कई जिलों में आज कार्यक्रम किये जा रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार एवं व्यंग्यकार संपादक श्री गिरीश पंकज ने गणेश शंकर विद्यार्थी की पत्रकारिता और आज की पत्रकारिता पर बात करते हुए कहा कि हमें आज की पत्रकारिता को लोकमान्य तिलक, गणेश शंकर विद्यार्थी जैसे पत्रकारिता की पंरपरा को बढ़ाने की जरूरत है। वे साहित्य के साथ पत्रकारिता करते हुए देश को दिशाबोध कराते थे।
वरिष्ठ पत्रकार एवं पूर्व अध्यक्ष पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी सृजनपीठ श्री सतीश जायसवाल ने गणेश शंकर विद्यार्थी की पत्रकारिता के बारे में कहा कि आज की हिन्दी पत्रकारिता आर.टी.आई. और सोशल मीडिया जैसे तकनीकी कारणों से सूचना के नैसर्गिक अधिकारों पर अतिक्रमण है। हम साहित्य और पत्रकारिता के परंपरा को भूल रहे हैं। उन्होंने पत्रकारिता के परिवेश को काल निर्धारण कर कहा कि आज स्वयं सेवी संस्था देश का नीति निर्धारण में लगी है। यहां समकालीन पत्रकारिता चुप बैठी है। संपादक दै. पत्रिका बिलासपुर श्री वरूण सखा जी ने अपने व्यक्तव्य में कहा कि आज की पत्रकारिता एवं मीडिया प्रबंधन बाजार वाद के हिसाब से संचालित है। उन्होंने पत्रकारिता के परिदृश्य परिवेश और उसके प्रभाव पर कहा कि आम आदमी पत्रकारिता के सरोकार से कोसो दूर है। श्री वरूण सखा ने कहा कि गणेश शंकर विद्यार्थी की प्रताप जनता के प्रबंधन से निकलती थी। आज भी पत्रकारिता जन प्रबंधन से प्रताप की तरह निकाली जा रही है। उन्होंने एक संपादक का जिक्र करते हुए कहा कि मैने ऐसे भी पत्रकारिता देखी है। कुशाभाउ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय रायपुर के श्री शाहिद अली ने गणेश शंकर विद्यार्थी के पत्रकारिता के बारे में विस्तार के बताते हुए कहा कि वे तत्कालीन सत्ता और पूंजीवाद के सख्त विरोधी थे। वे देश की राजनीति में जातिवाद को झगड़े का वजह मानते थे। कार्यक्रम में समाजसेवी डाॅ. बद्री जायसवाल ने गणेश शंकर विद्यार्थी की पत्रकारिता को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि उनकेे साथ भगत सिंह ने भी बलवंत सिंह के नाम से पत्रकारिता के लिए प्रभवित किया था। उन्होंने सामाजिक सद्भावना के लिए अपनी जान दे दी। छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ द्वारा पहला गणेश शंकर विद्यार्थी सम्मान दैनिक पत्रिका बिलासपुर के संपादक श्री बरूण सखाजी को साल श्रीफल व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में छत्तीसगढ़ सक्रिय पत्रकार संघ के प्रदेश महासचिव श्री राज गोस्वामी ने स्वागत भाषण दिया। कार्यक्रम का संचालन विश्वेश ठाकरे एवं आभार प्रदर्शन जिला अध्यक्ष नीरज माखीजा ने किया। इस अवसर पर प्रमुख रुप से वरिष्ठ पत्रकार पीयूष कांति मुखर्जी, सईद खान ,प्रेम कुशवाहा, अतुलकांत खरे, श्री गोस्वामी, प्रदेश उपाध्यक्ष ठाकुर बलदेव सिंह ,प्रदेश सचिव राजेश माखीजा, अमित मिश्रा, मनोज राज, उत्तम तिवारी, उमेश सोनी, मुकेश तिवारी, जिला महासचिव उमेश सिंह, मनीष जायसवाल, क्रांति नामदेव, सरफराज मेमन, श्यामलाल रजक, मोहम्मद रमीज, संतोष सोनी, भास्कर मिश्रा, पंकज खण्डेलवाल, मो. नासिर,हरनारायण देवांगन, सहित बहुतायत मके पत्रकार साथी उपस्थित थे । कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती एवं गणेश शंकर विद्यार्थी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।