भारत स्वाभिमान आंदोलन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव दीक्षित की मौत के सालों बाद अब कारणों को लेकर जांच होगी. इस आशय के आदेश दुर्ग पुलिस को प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली से प्राप्त हुए हैं. दरअसल 29-30 नवंबर 2010 की दरमियानी रात भिलाई के बीएसआर अपोलो हॉस्पिटल में दीक्षित की मौत हृदयघात से कथित तौर पर हुई थी. जिला प्रशासन ने शव को पोस्टमार्टम कराए बिना ही गृह नगर अलीगढ़ (यूपी) भेज दिया था. इसे गंभीर चूक माना जा रहा था. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक मौत के बाद दीक्षित का शव नीला पड़ गया था. मेडिकल साइंस के जानकारों के मुताबिक ऐसा तब होता है जब स्लोपाइजन किसी को दिया जाए. अब जबकि जांच होगी तो इस रहस्य से पर्दा उठेगा.