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रायपुर.
बेदाग, पाक-साफ होने का दावा करने वाली भाजपा सरकार के कारामातों के पुलिंदे अब खुलकर सामने आ रहे हैं. ताजा खबर विकास यात्रा की आड़ में घोटाले को लेकर आ रही है. इसमें घोटाले का आंकड़ा 20 करोड़ के लगभग बताया जा रहा है.
अपनी सरकार की सफलता के ढोल पीटने के लिए डॉ. रमन सिंह की सरकार ने माकूल इंतजाम किए थे. इसमें विकास यात्रा एक बड़ा आयोजन था. जिसमें मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश में घूमकर अपनी सरकार की खूबियों का बखान करते रहे. उन्होंने चौथी बार सरकार वापस लाने के लिए भी इस पर जोर लगाया. लेकिन इसका असर नहीं हुआ. आखिरी विकास यात्रा को अटल विकास यात्रा का नाम दिया गया था.
खैर, अब इस विकास यात्रा के आयोजन में कम दर वाली फर्म को छोड़कर उससे सैकड़ों गुना अधिक रकम पर दूसरी कंपनी को काम देने का मामला सामने आया है. दोनों ही कंपनियों के बीच रकम का अंतर लगभग 250 गुना है. आसान आंकड़ों में विकास यात्रा के नाम पर लगभग 20 करोड़ का घोटाला नजर आ रहा है.
इससे संबंधित आंकड़े आरटीआई के तहत जुटाए गए हैं. इनमें उल्लेखित है कि 5 सितम्बर 2018 से 1 अक्टूबर 2018 तक 46 कार्यक्रम विकास यात्रा के लिए आयोजित किए गए थे, जिनपर 12 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च किए गए. इसी तरह अटल विकास यात्रा के लिए आयोजित 36 कार्यक्रम में 7 करोड़ 80 लाख 75 हजार 990 रुपए खर्च किए गए.
दूसरी ओर इस यात्रा की अनुमति से जुड़े सवाल पर सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री सचिवालय और जनसंपर्क विभाग अनभिज्ञता जताते हुए जवाब में निरंक उल्लेख किया है. इस गड़बड़ी को लेकर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के नेता आशीषदेव सोनी ने मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है.
इस पूरे मामले में जनसंपर्क आयुक्त तारण प्रकाश सिन्हा का कहना है कि मामले के संबंध में शिकायत मिली है. जांच कराई जाएगी. यदि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी.