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बालाघाट.
मध्यप्रदेश विधानसभा की उपाध्यक्ष हिना कांवरे के साथ हुई सड़क दुर्घटना में नक्सली हाथ होने की आशंका बलवती हो गई है. दरअसल, गत दिनों नक्सलियों ने दो पत्र लिखकर कांवरे से बीस लाख रूपए की फिरौती मांगी थी.
लेकिन आश्चर्यजनक बात यह है कि नक्सलियों ने जो पत्र लिखा था उसमें पहाड़ सिंह के नाम का उल्लेख है. जबकि पहाड़ सिंह को पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ की राजनांदगांव पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया बताया जाता है.
दुर्ग (छत्तीसगढ़) रेंज के तत्कालीन आईजी जीपी सिंह के समक्ष पहाड़ सिंह ने अपने आप को समर्पित किया था. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि जीपी सिंह अविभाजित मध्यप्रदेश के समय बालाघाट एसपी रह चुके हैं.
बढ़ाई गई थी सुरक्षा
सूत्रों के मुताबिक हिना कांवरे को गत दिनों नक्सलियों के धमकी भरे दो पत्र मिले थे. इन पत्रों में बीस लाख रूपए फिरौती देने की मांग नक्सलियों की ओर से की गई थी.
पत्र में यह भी धमकी दी गई थी कि यदि फिरौती नहीं दी जाती है तो जान से मार दिया जाएगा. हिना के मुताबिक इस तरह के पत्रों की जानकारी उसने पुलिस को दे दी थी. उसी आधार पर सुरक्षा भी बढ़ाई गई थी.
स्वयं हिना इन दिनों बेहद सतर्कता बरत रही हैं. इधर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हिना के काफिले में शामिल पुलिसकर्मियों के साथ हुई सड़क दुर्घटना को गंभीरता से लिया है. उन्होंने स्वयं हिना कांवरे से बात की है. इसी बातचीत के दौरान नक्सली धमकी की भी बात उठी थी.
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दुर्घटना में मारे गए पुलिस जवानों के संदर्भ में चर्चा की है. इस दुर्घटना में उपनिरीक्षक हर्षवर्धन सोलंकी, प्रधान आरक्षक हामिद खान, आरक्षक राहुल कोलार, निजी वाहन चालक सचिन की मौत हो गई थी. जबकि एक जवान गंभीर हालत में घायल है.
पिता रिखीराम को मार चुके हैं नक्सली
दरअसल, हिना कांवरे के पिता रिखीराम कांवरे की नक्सली हत्या कर चुके हैं. वर्ष 1999 में नक्सलियों ने रिखीराम को मार दिया था.
तब रिखीराम कांवरे मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सरकार में परिवहन मंत्री का दायित्व निभा रहे थे. उनकी पुत्री हिना बालाघाट जिले की लांजी विधानसभा क्षेत्र से दूसरी मर्तबा विधायक चुनी गई है.
उल्लेखनीय है कि हिना कांवरे रविवार रात करीब 12.30 बजे लांजी लौटते समय दुर्घटना का शिकार हो गई थी. इसी दुर्घटना में उनके वाहन के आगे चल रहे फालो वाहन को ट्राले ने जबरदस्त ठोकर मारी थी जिसमें उक्त पुलिसकर्मियों की मौत हो गई थी.
बड़ी खबर (यह भी पढ़ें करके चिप्स के तत्कालीन सीईओ अमन सिंह कैग के निशाने पर वाली 10 जनवरी की खबर को लगा देना)