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रायपुर.
नागरिक आपूर्ति निगम (नान) व झीरमकांड जैसे दो मामलों में छत्तीसगढ़ राज्य में स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) का गठन अलग अलग तरीके से हुआ है. अब सवाल इस बात का उठता है कि क्या सरकार वाकई बदली है या यह ‘बदलापुरÓ की कार्रवाई है?
छत्तीसगढ़ की राजनीति में बीते दिनों में नागरिक आपूर्ति निगम का कथित घोटाला हो अथवा झीरम में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंदकुमार पटेल सहित अन्य कांग्रेसियों के मारे जाने का मामला हो इसे लेकर कांग्रेस आक्रमक रही है. दोनों ही मामलों में वह तत्कालीन भाजपा सरकार व उसके मुखिया डॉ. रमन सिंह को घेरने के प्रयास करते रही है.
केबिनेट से लेकर डीजीपी तक विवादों में
हालांकि इस बार के चुनाव में भाजपा ने आशा से विपरित प्रदर्शन किया है. उसके अध्यक्ष द्वारा लगाया गया 65+ का नार कांग्रेस चरितार्थ कर गई है. जबसे कांग्रेस की सरकार बनी है तब से दोनों ही मामलों को लेकर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति चलती रही है.
अब लगता है मामले में अफसरशाही भी हावी हो गई है. तभी तो एक मामला केबिनेट में भेजा जाता है जबकि दूसरा मामला अपने स्तर पर निपटाया जाता है. केबिनेट में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) के कथित घोटाले और उसकी जांच का मसला उठा था. इस पर एसआईटी के गठन की घोषणा हुई.
जबकि झीरम कांड में जहां कांग्रेस की एक पीढ़ी ही खत्म हो गई वहां इसी तरह की एसआईटी का गठन पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने अपने स्तर पर किया है. इससे कई तरह के सवाल भी उठ रहे हैं.
भाजपा ने अब इस विषय पर सरकार और उसके कर्ताधर्ताओं को घेरना शुरु कर दिया है. भाजपा की ओर से प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव इस विषय पर मुखर हुए हैं.
श्रीवास्तव ने एसआईटी के गठन पर किसी भी तरह की आपत्ति से इंकार किया है लेकिन इसके लिए अपनाई जा रही अलग-अलग प्रक्रियाओं को निशाने पर भी लिया है.
भाजपा नेता श्रीवास्तव कहते हैं कि एसआईटी का गठन नियमों के मुताबिक होना चाहिए. सभी प्रकार की कमेटियां एक ही नियम अथवा फार्मूले के तहत गठित होती है. लेकिन छत्तीसगढ़़ में ऐसा नहीं हो रहा है. दोनों एसआईटी का गठन अलग-अलग प्रक्रिया के तहत क्यूं किया गया इस सवाल का जवाब मुख्यमंत्री को देना होगा.
बहरहाल, नान के मामले में गठित एसआईटी को लीड कौन करेगा इस पर अभी संशय बाकी है. जबकि झीरम कांड से जुड़ी एसआईटी का नेतृत्व बस्तर रेंज के आईजी विवेकानंद सिन्हा करेंगे.
उनके अलावा पी. सुंदर राज (डीआईजी नक्सल अभियान), एमएल कोटवानी (एसपीए सुरक्षा वाहिनी माना), गायत्री सिंह (उप सेनानी तीसरी वाहिनी अमलेश्वर दुर्ग), राजीव शर्मा (डीएसपी सरायपाली), आशीष शुक्ला (टीआई रायपुर), प्रेमलाल साहू (टीआई विशेष शाखा), नरेन्द्र शर्मा (रिटायर्ड डीएसपी), एएन चतुर्वेदी (विधि विशेषज्ञ), डॉ. एमके वर्मा (विधि विज्ञान विशेषज्ञ) शामिल हैं.