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रायपुर.
भ्रष्ट आचरण को लेकर जिस आईपीएस के खिलाफ प्रधानमंत्री, गृहमंत्री सहित अन्य जगहों पर शिकायत हुई उसे ही राज्य की कांग्रेस सरकार ने एंटी करप्शन ब्यूरो जैसे विभाग का प्रभार सौंपकर आर्थिक अपराध रोकने की जिम्मेदारी सौंप दी है.
चौंकिए मत! हम यहां बात हमेशा विवादों में रहने वाले आईपीएस अफसर एसआरपी कल्लूरी की कर रहे हैं. ये वही कल्लूरी हैं जो भाजपा सरकार के समय बस्तर के आईजी हुआ करते थे. तब उन पर नक्सलवाद के खात्मे को लेकर निर्दाेषों पर अत्याचार के आरोप लगे थे.
कहां बदली है सरकार
माना जा रहा था कि मानवाधिकार आयोग के निशाने पर आए आईपीएस कल्लूरी कांग्रेस सरकार आने पर लूप लाईन में पड़े रहेंगे. दरअसल, वह भाजपा और तत्कालीन सरकार की कुछ ज्यादा ही पूछ-परख करते थे.
प्रदेश में चुनाव हुए… सरकार बदली.. लेकिन नहीं बदला है तो तौर तरीका. और तो और अब आम जनमानस भी यह सवाल उठाने लगा है कि कहां बदली है सरकार?
चूंकि मामला आईपीएस कल्लूरी से जुड़ा हुआ था इसलिए माना जा रहा था कि वह कांग्रेस सरकार आने पर कोई महत्वपूर्ण पद प्राप्त नहीं कर पाएंगे. चूंकि वह पहले कांग्रेस के निशाने पर रहे हैं इस कारण इस तरह की विचारधारा व्यक्त की जाती रही थी.
बुधवार रात एक आदेश आया जिसमें आईपीएस कल्लूरी की निकल पड़ी. उन्हें ईओडब्लू-एसीबी का प्रभार दे दिया गया है जबकि उनके खिलाफ आरक्षकों के स्थानांतरण में लेन-देन कर नियम विरुद्ध तरीके से आदेश जारी करने के आरोप लगते रहे हैं.
उस समय बस्तर के आईजी रहे कल्लूरी के खिलाफ उच्च स्तरीय शिकायत भी की गई थी. मामला तूल पकड़ा था लेकिन इसके अपने रंग दिखाने के पहले ही कल्लूरी ने आर्थिक अपराध से जुड़ा हुआ प्रभार प्राप्त कर डीजीपी डीएम अवस्थी की ब्राह्मणवादी सोच को कठघरे में खड़ा कर दिया है.
रायपुर-दुर्ग के आईजी बदले गए
बहरहाल, एसआरपी कल्लूरी के साथ निकले आदेश में कुल जमा 6 आईपीएस अफसर प्रभावित हुए हैं. रायपुर आईजी दीपांशु काबरा (1997) व दुर्ग आईजी जीपी सिंह (1994) पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिए गए हैं.
इधर, गृह, जेल एवं परिवहन विभाग के विशेष सचिव का कार्यभार संभाल रहे डॉ. आनंद छाबड़ा (2001) को रायपुर का प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया है.
इसी तरह उप पुलिस महानिरीक्षक दंतेवाड़ा रेंज में कार्यरत रतनलाल डांगी (2003) को प्रभारी पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग बनाया गया है.
अब तक पुलिस मुख्यालय में सीआईडी का कार्यभार संभाल रहे अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अरुणदेव गौतम (1992) को गृह, जेल एवं परिवहन विभाग का सचिव बना दिया गया है.