नेशन अलर्ट, रायपुर.
एएम जूरी के साथ अनिवार्य रुप से सेवानिवृत्त किए गए केसी अग्रवाल नए साल से सेवा में लौट आएंगे. इस संदर्भ में केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी कर दिया है जो कि राज्य स्तर पर पहुंच गया है.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 की 6 अगस्त को दागी आईपीएस अफसरों के खिलाफ हुई कार्रवाई में अग्रवाल (2002 बैच) सहित जूरी (2000 बैच) अनिवार्य रुप से सेवानिवृत्त कर दिए गए थे.
कोयला चोरी के थे आरोप
आईपीएस अग्रवाल को कोयला चोरी के मामले में सेवानिवृत्त किया गया था. वर्ष 2006 में जब वह सूरजपुर एसपी हुआ करते थे तब चोरों को शह देने सहित कोयले के कारोबार को फलने-फूलने में मदद करने का उनपर आरोप था.
सेवानिवृत्ति के बाद अग्रवाल ने इसे चैलेंज किया. उनके मामले में केंद्र व राज्य सरकार को तब झटका लगा जब रिस्टेट करने का आदेश अग्रवाल के पक्ष में पारित हो गया.
डीआईजी टेलीक्म्यूनिकेशन के पद पर रहते हुए फोर्सली रिटायर किए गए केसी अग्रवाल के पक्ष में सेंट्रल एडमिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (केट) ने यह फैसला सुनाया था. सरकार ने इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
हाईकोर्ट ने 10 अक्टूबर को एक आदेश पारित किया. इस आदेश में अगले दो सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने की मोहलत दी गई.
लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हो पाया. इसके एवज में अग्रवाल ने पुन: केट का रुख किया. 2 जनवरी 2019 तक यदि अग्रवाल की बहाली नहीं हो पाती है तो 4 जनवरी 2019 को व्यक्तिगत उपस्थिति का आदेश पारित हुआ.
इसमें केंद्रीय गृह सचिव सहित तत्कालीन पुलिस महानिदेशक अमरनाथ उपाध्याय, तत्कालीन गृह सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम सहित मुख्य सचिव को स्वयं उपस्थित होकर जवाब देना पड़ेगा.
बहरहाल, आज केंद्र से राज्य सरकार को केसी अग्रवाल को ज्वाईनिंग देने का पत्र प्राप्त हो गया है. अब इसके बाद 4 जनवरी को होने वाली पेशी में मामले का पूर्णता: निपटारा हो जाएगा.
जब तक मेरे पास कागज नहीं आएगा तब तक मैं इस बारे में कुछ बोलना नहीं चाहूंगा. आपको जो कुछ भी जानना है शासन से पूछ लीजिए.
केसी अग्रवाल, आईपीएस छत्तीसगढ़