नेशन अलर्ट. रायपुर
केंद्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने कहा है कि जीत के कई नायक होते हैं जबकि हार अनाथ होती है. ऐसा ही माजरा छत्तीसगढ़ में भाजपा की स्थिति को लेकर नज़र आ रहा है.
भाजपा क्यूं और कैसे हारी इस पर जहां पार्टी का चिंतन मनन जारी है वहीं विरोधी पक्ष के अलावा अपने लोग भी आरोप-प्रत्यारोप लगाने लगे हैं.
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कौन है गोपाल कृष्णा अग्रवाल?
गोपाल कृष्ण को रायपुर दक्षिण से ले-देकर विधायक बने बृजमोहन अग्रवाल का भ्राता बताया जाता है. उन्होंने हार के कारणों का उल्लेख करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह पर सीधा हमला किया है.
वे अपने पोस्ट में लिखते हैं कि, न तो भाजपा छत्तीसगढ़ में हारी है और न ही भाजपा की नीतियां हारी हैं. यहां अगर कोई हारा है तो बेलगाम अफसरशाही हारी है.
आगे वे लिखते हैं कि प्रशासनिक आतंकवाद हारा है. यहां के मुखिया का अहंकार हारा है. मुखिया के निजी सचिव की गुंंडागर्दी हारी है.
अब सब जानते हैं कि प्रदेश का मुखिया कौन था. यह सीधा हमला डॉ. रमन सिंह पर किया गया है. उनके सचिव रहते हुए जो गुंडागर्दी करने का आरोप अब अमन सिंह पर लग रहा है उसे भी गोपाल ने जिम्मेदार ठहराया है.