नेशन अलर्ट l रायपुर.
रमन सरकार में दमदार रहे आईपीएस मुकेश गुप्ता अब विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं. कांग्रेस सरकार बनते ही बिना विभाग के डीजी बनाकर पुलिस मुख्यालय में संलग्र किए गए मुकेश के खिलाफ सोशल मीडिया मुखर हो गया है.
आईपीएस मुकेश गुप्ता एक समय प्रदेश के सबसे दमदार अफसरों की सूची में शामिल थे. उस समय उनकी तूती इसलिए भी बोलती थी क्यूंकि उनके पास ईओडब्लू व एसीबी जैसे महत्वपूर्ण विभाग थे. इन्हीं विभागों के सहारे उन्होंने एक तरह से अपना साम्राज्य खड़ा कर लिया था.
अमन के नजदीकी रहे
मुकेश गुप्ता को मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह का बेहद नजदीकी माना जाता है. एक समय प्रदेश में इस बात की चर्चा थी कि रमन सिंह तो मात्र नाम के मुख्यमंत्री हैं बल्कि सारा काम सुपर सीएम रहकर अमन सिंह देखते हैं.
अमन सिंह को हर समय- हर पल मुकेश गुप्ता का सानिध्य भी मिला है. दोनों की जोड़ी ने सरगुजा से राजनांदगांव, कवर्धा से दंतेवाड़ा तक प्रदेश को मथ कर रख दिया था. अब जबकि सरकार बदल गई है तो दोनों के दुर्दिन चालू होने की आशंका जताई जा रही है.
नायर व देवस्थले का हो नार्काे टेस्ट
सोशल मीडिया में अब मुकेश गुप्ता के खिलाफ मोर्चा खुल चुका है उन्हें दागी-कदाचारी के साथ ही अपराधिक चरित्र को लेकर निशाने पर लिया गया है.
रेखा नायर व संजय देवस्थले जैसे कर्मचारियों को मुकेश गुप्ता का वरदहस्त प्राप्त होने का उल्लेख करते हुए इनके नार्काे टेस्ट की आवाज उठाई गई है. रेखा पर विभाग की जगह घर से ही काम-काज करने का आरोप लग रहा है.
उनके घर को करोड़ों का बताते हुए यह भी सवाल उठाया गया है कि उन्हें वेतन क्यूं और कैसे प्राप्त होता था? इसकी विभागीय जांच की जरुरत बताई गई है.
इसके अलावा रेखा नायर मोबाईल इंटर सेप्टर का अपने घर से किसके कहने व आदेश पर उपयोग करती थीं इसकी भी जांच की जरुरत बताई गई है.
सोशल मीडिया में चल रही खबरों में यह भी कहा गया है कि नेताओं, अधिकारियों, न्यायधीशों, पत्रकारों व नागरिकों के फोन क्यों और किसके कहने पर टेप किए गए यह भी जांच का विषय है.
इसके लिए नार्को टेस्ट को एकमात्र माध्यम बताते हुए कहा गया है कि यदि रेखा नायर, संजय देवस्थले जैसे अफसरों की जांच होती है तो मुकेश गुप्ता का चाल, चरित्र, चेहरा खुलकर सामने आ जाएगा.