बृजमोहन जैसे भाजपाईयों की पूछ-परख कम नहीं हुई
नेशन अलर्ट l रायपुर.
पंद्रह साल तक प्रदेश की नौकरशाही पर एक तरह से राज करने वाले अमन सिंह का तौर-तरीका अब भी जारी है. फर्क सर्फ इतना है कि इस बार चेहरा बदल गया है. अमन सिंह की भूमिका में अब विवेक ढांढ आ गए हैं. सरकार ढांढ एक्सप्रेस पर सवार होने का आतुर है.
मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमन सिंह के खासमखास अफसर अमन सिंह माने जाते थे. अमन सिंह को सुपर सीएम के नाम से भी जाना-पहचाना जाता था.
अमन ने इतनी शक्तियां बटोर लीं थीं कि वह सरकार को तो अपनी मुठ्ठी पर लिए चलते ही थे बल्कि नौकरशाह, न्यायपालिका, मीडिया के एक वर्ग को भी नियंत्रित करने लगे थे. यह नियंत्रण इतना गंभीर था कि क्या मुख्यसचिव और क्या पुलिस महानिदेशक… सब के सब अमन सिंह के सामने सिर झुकाए खड़े रहते थे.
पंद्रह साल तक भाजपा की सरकार रहने के बाद राज्य की जनता को कांग्रेस सरकार देखने का अवसर मिला है. सरकार चाहे किसी की भी रहे लेकिन सरकार के तौर तरीके की तुलना अवश्य होती है.
अब तुलना हो रही है, अमन सिंह की भूमिका में कौन है. पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांढ का नाम इसमें बरबस ही सामने आता है. रेरा के चेयरमेन ढांढ अब इस सरकार को नियंत्रित करने की भूमिका में नजर आ रहे हैं.
पहली सूची से यही लगता है
सरकार के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार रात दो आदेश जारी हुए. एक आदेश आईएएस अफसरों का था तो दूसरा आदेश आईपीएस अफसरों का था. आईएएस व आईपीएस दोनों की सूची में उन अफसरों का बोल-बाला है जो कि ढांढ खेमे के माने जाते रहे हैं.
अब सवाल इसका उठता है कि ढांढ ने यह सब किया कैसे? तो बरबस ही एक नाम और सामने आता है. यह नाम रायपुर दक्षिण से ले-देकर जीते बृजमोहन अग्रवाल का है.
बृजमोहन अग्रवाल की अपनी खुद की सरकार में भले ही तूती नहीं चलती रही हो लेकिन कांग्रेस की सरकार लगता है उनकी अपनी है. बृजमोहन अग्रवाल की मित्रता कांग्रेसियों से तगड़ी रही है. संभवत: उसी मित्रता के चलते वह ढांढ के सुझाए हुए नामों को आगे बढ़ा रहे हैं.
तो क्या बृजमोहन और विवेक ढांढ इस सरकार को चलाएंगे? क्या रमन सिंह के अमन सिंह के तर्ज पर ये दोनों कांग्रेस सरकार के सहारे अपने मोहरे आगे बढ़ाते रहेंगे?