नेशन अलर्ट l रायपुर.
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के करीबी माने-जाने वाले अधिकारी को कांग्रेस की सरकार में महत्वपूर्ण पद मिला है. थोड़ा आश्चर्य है, लेकिन इससे यह भी स्पष्ट है कि नई सरकार में भी नौकरशाहों का दखल वैसा ही है जैसा पिछले 15 सालों में रहा.
नए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, अपनी सरकार अपने तरीकों से चलाना चाहते हैं. यह स्पष्ट हुआ पहले ही दिन अधिकारियों के विभागों की अदला-बदली से. बावजूद इसके पर्दे के पीछे काम कर रहा तंत्र अब भी अपनी पॉलिसी मनवाने में कामयाब दिखाई दे रहा है.
बीते महिनों में खबर थी कि पुलिस विभाग के एक बड़े अधिकारी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात की थी. यह मुलाकात डोंगरगढ़ में हुई थी.
जिस अधिकारी ने मुलाकात की थी, उनके विषय में यह प्रचलित है कि उनका परिवार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का काफी करीबी है. कहीं न कहीं उक्त अधिकारी इसका फायदा उठाने की जद्दोजहद में लगा था.
लेकिन, कांग्रेस सत्ता में आई. गणित कुछ भी हो सकता था. ऐसे में नौकरशाहों की नई लॉबी में भी उन्होंने अपनी जगह बना ली. नई सूची जारी हुई और उन्हें बड़े पदों की अतिरिक्त जिम्मेदारी दे दी गई.
खैर, आखिरी तौर पर नज़र यही आ रहा है कि सरकार तो बदल गई पर तौर-तरीकों में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. नौकरशाहों की दूसरी लॉबी अपने तेवर में है.