नेशन अलर्ट/रायपुर।
छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री कौन होगा? इस सवाल का जवाब तीन दिनों बाद भी नहीं मिल पाया है. जो दावेदार बताए जा रहे हैं उनमें टीएस सिंहदेव जाति के चलते पिछड़ सकते हैं.
दरअसल कांग्रेस कभी भी पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग को लोकसभा चुनाव के ठीक पहले नाराज़ नहीं करना चाहेगी. इसी के चलते शायद ही सिंहदेव मुख्यमंत्री बन पाएं.
प्रदेश में कांग्रेस ने ताबड़तोड़ सीट में जीत हासिल की है. मुख्यमंत्री के भी कई दावेदार हैं. स्वाभाविक दावेदार प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल हैं जो कि कुर्मी (पिछड़ा वर्ग) से आते हैं.
एक अन्य दावेदार डॉ. चरणदास महंत हैं लेकिन उनके मुख्यमंत्री बनने पर कांग्रेस आलाकमान शायद ही तैयार हों. महंत भी पिछड़ा वर्ग से आते हैं.
तीसरे दावेदार हैं ताम्रध्वज साहू हैं जो कि पिछड़ा वर्ग के कद्दावर नेता बन रहे हैं. ताराचंद साहू के बाद अपने समाज में ताम्रध्वज को वजन भी मिला है और उनके साथ सामाजिक बंधु जुड़ते जा रहे हैं.
अन्य दावेदारों में ज्यादातर सामान्य वर्ग से आते हैं. एक-दो ऐसे भी हैं जो कि आदिवासी वर्ग के हैं लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच पाए इस पर संशय है.
अब बचे टीएस सिंहदेव जो कि बताया तो यह जाता है कि प्रदेश के ज्यादातर विधायकों की पसंद हैं लेकिन उनकी जाति से कांग्रेस समझौता कर ले इस पर किंतु-परंतु हो रहा है.
सिंहदेव सामान्य वर्ग के हैं. चार महिने के बाद कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में भी जाना है. वह कभी नहीं चाहेगी कि ऐन लोकसभा चुनाव के पहले उससे अन्य पिछड़ा वर्ग अथवा एससी-एसटी समुदाय नाराज हो जाए. इस कारण शायद ही सीएम सामान्य वर्ग से बनेगा.