नेशन अलर्ट/रायपुर।
छत्तीसगढ़ में आशा से कहीं ज्यादा बढ़कर कांग्रेस को जीत दिलाने वाले प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल की राह का रोड़ा बनने के प्रयास में अभी भी कई लोग लगे हुए हैं. आखिर ये लोग हैं कौन जो भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनता नहीं देखना चाहते हैं..?
भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस ने बीते सालों में जमकर संघर्ष किया है. वह भूपेश ही थे जिन्होंने भाजपा के चाल-चरित्र व चेहरे को उजागर करने के साथ-साथ कांग्रेसियों को ईंट का जवाब पत्थर से देना सिखाया. अंतत: कांग्रेस राज्य को जीत ले गई.
इसके बावजूद भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनने की राह में कई रोड़े सामने आ रहे हैं. एक तरफ प्रशासन का वह तंत्र है जो भूपेश बघेल को मुख्यमंत्री बनते नहीं देखना चाहता है. दूसरी तरफ मीडिया का एक वह भी वर्ग है जो भूपेश बघेल से घबराया हुआ है. तीसरी ओर सीडी की राजनीति करने वाले वाले कई ऐसे राजनेता हैं जो कि भूपेश को आगे बढ़ता नहीं देखना चाहते.
कहीं अमन, मुकेश के इशारे पर तो नहीं हो रहा
भूपेश बघेल की राजनीति दरअसल जैसे को तैसा की रही है. जिन्होंने उनका साथ दिया उनके लिए तो वह उतने ही उनके अपने हैं जितने हो सकते हैं लेकिन जिन्होंने उनके खिलाफ ताल ठोकी तो वह भी ताल ठोक कर सामने आ गए.
इस क्रम में दो-चार ऐसे नाम है जिनसे भूपेश की छ:-छत्तीस पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चा का विषय रही है. फिर वह चाहे अमन सिंह का नाम हो अथवा एसीबी चीफ मुकेश गुप्ता का नाम. फिर वह चाहे अमन-मुकेश के इशारे पर चलने वाला मीडिया का एक वर्ग हो अथवा राजनीतिक रुप से उन्हें अपना खाटी दुश्मन मानने वाले राजनीतिज्ञ ही क्यूं न हों..
कहीं न कहीं भूपेश बघेल का सकारात्मक पक्ष जहां उनके लिए नकारात्मक हुए जा रहा है वहीं नकारात्मक पक्ष सकारात्मकता में बदल रहा है. यदि कांग्रेस के आला नेतृत्च ने भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का नेता चुन लिया तो उन लोगों के लिए परेशानी का समय शुरु हो जाएगा जिनका उल्लेख ऊपर किया गया है. इसी कारण भूपेश बघेल की राह रोकने का क्रम आखिरी समय तक जारी है.