नेशन अलर्ट/रायपुर।
सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला की शिकायत को संज्ञान में लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव सहित स्वास्थ्य विभाग के सचिव व परिवार कल्याण विभाग को नोटिस जारी की है। मामला राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र माने जाने वाले पहाड़ी कोरवा परिवार के उपचार में लापरवाही बरतने से जुड़ा हुआ है।
पहाड़ी कोरवा जनजाति विलुप्त हो रही है। इस जनजाति को राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र माना जाता है। इसी जनजाति के एक व्यक्ति को बीमार पडऩे पर महादेव घाट स्थित ओम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उपचार के लिए पर्याप्त पैसा नहीं होने के बाद अस्पताल ने परिजनों को बंधक बना लिया था।
इस आशय की खबर न केवल इलेक्ट्रानिक मीडिया में चली बल्कि अखबारों में भी छपी थी। सामाजिक कार्यकर्ता कुणाल शुक्ला ने इन खबरों को देखा तो उन्होंने जनजाति आयोग के अध्यक्ष व राष्ट्रपति को शिकायत भेज कर कार्रवाई की मांग की थी।
इसके साथ ही उन्होंने ओम अस्पताल के संचालकों पर एसटी-एससी एक्ट के तहत कार्रवाई करने की लिखित शिकायत रायपुर के डीडी नगर थाने में भी की। फिलहाल अब तक पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कुणाल बतातें हैं कि यदि 15 दिनों के भीतर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है तो वह न्यायालय में परिवाद दायर करेंगे।
उपस्थित होने 15 दिन का समय
इधर, आयोग ने नोटिस जारी कर उपस्थित होकर की गई कार्रवाई को लेकर जवाब देने 15 दिन का समय दिया है। बताया जाता है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 338-क के तहत नोटिस जारी की गई है।
पहाड़ी कोरवा के परिजन बताते हैं कि उनके द्वारा तीन लाख रुपए नहीं दिए गए थे जिस पर परिवार को बंधक बना लिया गया था। परिवार ने मात्र 70 हजार रुपए में अपनी 10 एकड़ जमीन को 10 साल के लिए गिरवी रख दिया था। दो लाख 30 हजार रुपए देने का दबाव ओम अस्पताल द्वारा बनाया जा रहा था।