नेशन अलर्ट/रायपुर।
चुनावों को लेकर बरती गई सावधानियां तबाह होती दिखीं। कुछ जिलों में ऐसी गतिविधियां सामने आई हैं जिसने निष्पक्ष चुनाव को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। इन घटनाओं को कलेक्टर्स का फेलियर बताया जा रहा है। मामले में दो उदाहरण सामने हैं जो कि राजनांदगांव व धमतरी से जुड़े हुए हैं। दोनों ही मामलों में जिला निर्वाचन अधिकारी यानि कि कलेक्टर को कमजोर माना जा सकता है।
असल में जिले में कई स्थानों पर लोगों ने पोलिंग बूथ में वोट करते हुए ईवीएम के साथ सेल्फी लेने या वीडियो बनाने के बाद इसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म में अपलोड किया है। ध्यान रखने वाली बात यह है कि पोलिंग बूथ के भीतर मोबाईल ले जाया जाना ही प्रतिबंधित है।
अगर वोटर के पास मोबाईल है तो उसे रिटर्निंग ऑफिसर के पास जमा करना होता है। ईवीएम के साथ सेल्फी या फिर वोट डालते हुए वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में अपलोड करने जैसी हरकतों पर चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने तीन महिने की जेल तक प्रावधान किया था।
फिर भी हुआ उल्लंघन
ऐसे नियम-निर्देशों के बावजूद राजनांदगांव जिले की डोंगरगढ़ विधानसभा में राजपरिवार के भवानी बहादुर सिंह ने जिनका मतदाता क्रमांक 843, मतदान केंद्र क्रमांक 149 है, उन्होंने छात्रावास भवन गोलबाजार डोंगरगढ़ के पोलिंग बूथ में मतदान करते हुए अपना वीडियो बनाया और इसे सोशल मीडिया में अपलोड कर दिया। यह वीडियो 12 नवंबर को 3.10 और 3.32 बजे फेसबुक में डाला गया था। इस छूट को लापरवाही माना जाता है।
ऐसी घटनाओं के बावजूद जिले के निर्वाचन अधिकारी ने तुरंत कोई कार्रवाई नहीं की लेकिन जैसे ही इस आशय की खबर सार्वजनिक होने लगी तो आनन-फानन में एफआईआर कराकर अपने आप को पाक-साफ बताने की कोशिश की गई। इस स्थिति को लेकर वाजिब सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या इस चुनाव में निष्पक्षता को गंभीरता से लिया गया है?
तहसीलदार ने लांघी रेखा
इसी दौरान एक बड़ी घटना धमतरी से सामने आई। 27 नवंबर को धमतरी के लाईवलीहुड कॉलेज में बनाए गए स्ट्रांग रुम में वहां के तहसीलदार राकेश ध्रुव ने कुछ व्यक्तियों के साथ अनाधिकृत प्रवेश किया। इसकी खबर जैसे ही कांग्रेस व अन्य दलों को लगी उन्होंने तत्काल मामले की शिकायत मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की।
हालांकि इसकी खबर जिला निर्वाचन अधिकारी को भी मिल चुकी थी। मुख्य निर्वाचन अधिकारी से शिकायत में कांग्रेस, आप और निर्दलीय प्रत्याशी ने तहसीलदार राकेश ध्रुव द्वारा ईवीएम को सेट करने का आरोप लगाया था। चुनाव आयोग से निर्देश मिलने पर कलेक्टर ने कार्रवाई करते हुए तहसीलदार पर निलंबन की कार्रवाई की।
इस स्थिति को लेकर भी स्पष्ट है कि जिलों में निर्वाचन अधिकारियों ने किस हद तक लापरवाह रवैया अपनाया है। स्ट्रांग रुम में सेंध लग रही है और पोलिंग बूथों में जमकर मनमानी हुई है। सब कुछ सामने है लेकिन कार्रवाई दबाव बनाने के बाद ही हुई है।