नेशन अलर्ट/रायपुर।
आईबी ग्रुप के बहादुर अली और प्रदेश के रुतबेदार शराब व्यवसायी बल्देव सिंह भाटिया (इन्हें पप्पू भाटिया के नाम से प्रसिद्धि मिली हुई है) के आर्थिक सहयोग को कांग्रेस ने नकार दिया, ऐसी खबरें सामने आई है। अगर ऐसा है तो इसे राजनीतिक रुप से जोड़ कर देखा जाना स्वाभाविक है। बहादुर अली और पप्पू भाटिया, दोनों ही ऐसे नाम हैं जो न सिर्फ अपनी व्यापारिक सफलता के लिए जाने जाते हैं बल्कि राजनीति में इनकी करवटें काफी कुछ बदल देती हैं ऐसा माना जाता है।
कांग्रेस का यूं सहयोग को ठुकराना भी बेवजह नहीं है। दरअसल कांग्रेस ने इस चुनाव में हर उस व्यक्ति से दूरी बनाए रखी है जिससे डबल क्रॉस जैसी स्थिति का खतरा हो। इन दोनों ही को लेकर राजनांदगांव से कांग्रेस की प्रत्याशी और अटल बिहारी बाजपेयी जी की भतीजी करुणा शुक्ला कहतीं हैं कि ‘ये सभी जानते हैं कि बहादुर अली और पप्पू भाटिया ने भाजपा के पक्ष में बैठकें लीं और पैसे भी बांटे हैं।’
श्रीमती शुक्ला के ये आरोप निराधार भी नहीं हैं। लगभग हर चुनाव के दौरान स्वयं मुख्यमंत्री आईबी ग्रुप की फैक्ट्रियों में पहुंचकर वहां अपना चुनाव प्रचार करते रहे हैं। इस दौरान बहादुर अली भी खासतौर पर मौजूद होते हैं। सत्ता पक्ष से उनकी नजदीकियां छिपी हुई नहीं हैं।
पप्पू भाटिया के मामले में भी कुछ ऐसा ही है। वे भी मुख्यमंत्री के करीबी होने का तमगा हासिल किए हुए हैं। भाजपा सरकार के दौरान उन्हें खेल संघों में बड़े पद भी हासिल हुए हैं। इसके अलावा भी बहुत कुछ है जिससे जाहिर होता है कि वे सत्ता पक्ष से काफी कुछ हासिल कर चुके हैं।
ऐसी स्थिति में इन दोनों ही व्यापारियों का कांग्रेस की ओर झुकाव भी बड़ा संदेश देता है। बहरहाल, कांग्रेस प्रत्याशी करुणा शुक्ला इस मामले में कहतीं हैं कि, न हमने बहादुर अली और पप्पू भाटिया इन दोनों से कोई सहयोग नहीं मांगा और न ही उन्होंने ऐसा कुछ किया है। हालांकि उन्होंने दोनों पर भाजपा के पक्ष में काम करने और पैसा बांटने जैसे आरोप जरुर लगाएं हैं।
कांग्रेस की सरकार आएगी, करुणा विधायक बनेंगी..
बातचीत के दौरान करुणा शुक्ला ने प्रदेश में चुनावी नतीजों को लेकर कहा कि, इस बार प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आएगी और राजनांदगांव से हम मुख्यमंत्री को भी हरा रहे हैं। मैं राजनांदगांव से चुनाव जीतूंगी।