नेशन अलर्ट/रायपुर।
सत्तापक्ष पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। आरोप हैं कि पुलिस विभाग की आपात स्थिति में सहायता के लिए तैनात किए गए वाहन 112 के जरिए सत्तापक्ष ने विभिन्न क्षेत्रों में पैसे पहुंचाए। इसे लेकर पुलिस विभाग के आला अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए जाने की भी खबर है। कहा जा रहा है कि अधिकारियों को निर्देश थे कि वे वाहन 112 को जांच के दायरे से दूर रखें।
चुनाव के दौरान राजनीतिक दल बड़ी रकम इधर से उधर करते हैं। दूसरी ओर इस दौरान चुनाव आयोग की टेढ़ी नज़र राजनीतिक दलों को डरातीं हैं। स्वाभाविक तौर पर ऐसी स्थिति में सत्तापक्ष अपनी पहुंच का बखूबी इस्तेमाल कर सकता है और शायद करता भी है।
खबरें तैर रहीं हैं कि छत्तीसगढ़ के चुनावों में बड़ी रकम को पहुंचाने के लिए उन शासकीय वाहनों का उपयोग किया जा रहा है जिन्हें हाईवे में पेट्रोलिंग के लिए या फिर आपात स्थिति में सहायता के लिए इस्तेमाल किया जाता है। 112 भी ऐसी ही एक सुविधा है। सारी आपात स्थितियों के लिए इस नंबर पर कॉल कर मदद ली जा सकती है लेकिन इसकी मदद शायद सत्तापक्ष के ज्यादा काम आ रही है।
108 और 102 को लेकर भी हुआ था बवाल
पिछले चुनाव के दौरान भी ऐसी ही खबरें आम थींं। आरोप थे कि सत्तापक्ष ने अपने प्रत्याशियों तक बड़ी रकम पहुंचाने के लिए इन वाहनों का उपयोग किया था। 108 संजीवनी एक्सप्रेस और 102 महतारी एक्सप्रेस एंबुलेंस होने के चलते इन वाहनों की न ही जांच होती और न ही इस पर किसी का ध्यान जाता। इसका फायदा उठाते हुए आसानी से नज़र बचाकर रकम पहुंचा दी जाती थी। इस संबंध में हमने दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक जीपी सिंह से बात की। उन्होंने ऐसे सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।