नेशन अलर्ट/रायपुर-राजनांदगांव।
उत्तर प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने आज प्रदेश में प्रचार करते हुए मुख्यमंत्री पर हमला बोला। उन्होंने अजीत जोगी का नाम लिए हुए बगैर कहा कि डॉक्टर व कलेक्टर ने हाथ मिला लिया है। दोनों की सांठ-गांठ से प्रदेश को बचाना है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने राज बब्बर की अगुवानी की। उन्होंने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के मुखिया डॉक्टर हैं। स्वास्थ्य को लेकर 21 राज्यों का सर्वे हुआ जिसमें छत्तीसगढ़ को 20वां स्थान मिला। यह खबर डॉक्टर के लिए न सही लेकिन प्रदेश के लिए चौंकाने वाली थी।
पीने का पानी भी ठीक नहीं
राज बब्बर ने कहा कि कैंसर अस्पताल के लिए इस शर्त पर जमीन नया रायपुर में दी गई थी कि गरीबों का मुफ्त इलाज होगा लेकिन अनुबंध ही बदल दिया गया। अब वहां गरीबों के लिए कोई जगह नहीं है। नसबंदी कांड पर बोलते हुए पुराने सिने-स्टार बब्बर ने कहा कि गलत ऑपरेशन के मामले छत्तीसगढ़ में सामने आते रहे हैं।
आंखों के ऑपरेशन पर राज बब्बर ने कहा कि बुजुर्ग यहां रौशनी पाने के जगह अंधे हो गए। यह वही छत्तीसगढ़ है जहां पीने के साफ पानी की व्यवस्था नहीं होने के चलते 170 लोगों की किडनी फेल हो गई। राज बब्बर ने इसके बाद मुख्यमंत्री पर स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर जमकर प्रहार किए।
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ को 893 विशेषज्ञ चिकित्सकों की जरुरत है लेकिन यहां 53 ही नियुक्त हैं। प्रदेश में नर्स के 4 हजार 362 पद हैं लेकिन मात्र 1762 में नर्स कार्यरत है। 6 मेडिकल कॉलेज में 629 पद रिक्त हैं। बस्तर जहां आए दिन जवानों की शहादत की खबर सामने आती है वहां कोई बड़ा चिकित्सालय उपलब्ध सरकार नहीं करा पाई है।
सिकलसेल इंस्टीट्यूट जो बनाया गया है वहां 125 पदों में से 25 पद पर ही कर्मचारियों के कार्यरत होने की जानकारी राज बब्बर ने दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पता नहीं ऐसी क्या कमी रह गई थी यहां उत्तर प्रदेश से बाबा को बुला लिया गया। उसी बाबा के राज में उनके गृह जिले में ऑक्सीजन की कमी से बच्चे कालकवलित हो गए।
इधर, राज बब्बर ने आज कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती करुणा शुक्ला के पक्ष में राजनांदगांव में सभा भी ली। अव्यवस्था के बीच हुई सभा में राज बब्बर ने कहा कि 15 साल में कुछ नहीं सूझा तो प्रदेश सरकार ने फ्लाई ओवर बनाकर शहर को दो हिस्सों में बंाट दिया है।
करीब दो घंटे की देरी से पहुंचे राज बब्बर के साथ फोटो खिंचाने कार्यकर्ताओं की भीड़ लग गई। इस दौरान राज बब्बर को धक्का-मुक्की का भी शिकार होना पड़ा।