नेशन अलर्ट/रायपुर।
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे के मुखिया अजीत प्रमोद कुमार जोगी या तो खबरों में रहना जानते हैं या फिर उनका हर कदम खबरों का हिस्सा हो जाता है। कांग्रेस से अलग होकर अपनी पृथक पार्टी बनाने वाले अजीत जोगी ने साफ किया है वह गांधी परिवार के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलेंगे। इससे सवाल यह उठने लगा है कि क्या अजीत प्रमोद कुमार जोगी ने कांग्रेस वापसी के लिए अपना एक द्वार खुला छोड़ रखा है।
हाल के दिनों में अजीत जोगी से ज्यादा उनके पुत्र अमित जोगी कांग्रेस, उस पर भी राहुल गांधी के खिलाफ टिका-टिप्पणी करते रहे हैं। अभी हालही में उन्होंने राहुल गांधी को नए संबोधन से संबोधित किया था। पिता-पुत्र से अलग श्रीमती रेणु जोगी ने तो कांग्रेस छोडऩे से साफ मना करते हुए जकांछ-जे की सदस्यता भी ग्रहण नहीं की थी।
अच्छे रिश्ते की दी दुहाई
अजीत जोगी ने गांधी परिवार से अपने अच्छे रिश्ते की दुहाई देते हुए साफ किया है कि वह इस परिवार के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोलेंगे। हालांकि उन्होंने यह भी कहा है कि कांग्रेस के खिलाफ इस विधानसभा चुनाव में वह मुखर रहेंगे लेकिन मुझे हमेशा प्यार देने वाले गांधी परिवार के खिलाफ कोई प्रचार नहीं करुंगा।
नहीं मिलकर अमित ने किया अपमान
बताया तो यह जाता है कि वहां पर अमित जोगी मौजूद थे लेकिन उन्होंने मिलने से साफ इंकार कर दिया था। अजीत जोगी के दौरे पर होने का हवाला देते हुए सागौन बंगले के कर्मचारियों ने बंगले से खाली हाथ लौटा दिया था। इसे यादव समाज स्वयं का अपमान मान रहा है।
इस संबंध में संदीप यदू कहते हैं कि वह रायपुर ग्रामीण क्षेत्र से चुनाव लडऩा चाह रहे थे। उनके मुताबिक ओमप्रकाश देवांगन चुनाव नहीं लडऩा चाहते लेकिन उन्हें जबरदस्ती लड़ाया जा रहा है। समाज के लोग जब मिलने गए थे तो उन्हें खाली हाथ लौटाकर पार्टी ने ठीक नहीं किया है। हर समाज राजनीति में अपना प्रतिनिधित्व चाहता है। मैं समाज के लोगों से बाहर नहीं जा सकता इस कारण अब इस्तीफा देकर निर्दलीय लडूंगा।