भाजपा के राज में अवैध कारोबार को मिल रहा बढ़ावा : हर्षिता स्वामी बघेल

भाजपा के राज में अवैध कारोबार को मिल रहा बढ़ावा : हर्षिता स्वामी बघेल
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डोंगरगढ़। अवैध शराब के जखीरें व लचर कानून व्यवस्था को लेकर डोंगरगढ़ विधायक हर्षिता स्वामी बघेल ने अब चुप्पी तोड़ी है। विधायक निवास में प्रेस कांफ्रेंस कर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि करवारी के फार्म हाउस में 432 पेटी शराब का मिलना कहीं न कहीं सत्ता पक्ष का संरक्षण था, तभी तो कई चेकपोस्ट को पारकर कई कंटेनर में मध्यप्रदेश का शराब धर्मनगरी तक पहुंच गया। मध्यप्रदेश से होकर महाराष्ट्र फिर छत्तीसगढ़ प्रवेश करते समय बोरतलाव, बागनदी व गातापार थाना पड़ते है। यहां पर आबकारी विभाग के चेकपोस्ट भी है, इसके बाबजूद दीगर राज्य की शराब आसानी से पहुंच गई। यानी मतलब सीधा साफ है कि भाजपा नेताओं के संरक्षण में अफसरों ने आंख मूंद ली है और शराब तस्करी समेत गांजा, नशीली दवाई व मवेशी तस्करी करवा रहे है। डेढ़ साल के भाजपा सरकार में अवैध कारोबार जमकर फला फूला है। विधायक ने आरोप लगाया कि चाहे प्रशासन हो या पुलिस कांग्रेस के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की एक नहीं सुनतें। सत्ता के दबाव में सारे अफसर काम कर रहे है।
श्रीमती बघेल ने कहा कि मैं विधानसभा में भी सबसे अधिक नशाखोरी को लेकर मुद्दे उठाती हूं। विस अध्यक्ष के संज्ञान में लाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने का आरोप उन्होंने लगाया। कहा कि करवारी के फार्म हाउस में मिले 432 पेटी शराब मामले को लेकर 15 अप्रैल को कांग्रेस डोंगरगढ़ में उग्र प्रदर्शन करेगी। जिसमें लचर कानून व्यवस्था व मुख्य सरगना को पकड़ने सहित कई मांग रहेंगे। विधायक ने आगें कहा कि शहर में आज गली-मोहल्लों में खुलेआम अवैध शराब बिक रही है। शनिवार की शाम खैरागढ़ रोड़ में हुए सड़क हादसे का जिक्र करते हुए विधायक श्रीमती बघेल ने कहा कि खैरागढ़ मुख्य मार्ग पर हैवी ट्रैफिक का दबाव काफी बढ़ गया है। भारी वाहन शहर की घनी आबादी से होकर गुजर रही है। हादसों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, जबकि शहर में भारी वाहनों को प्रवेश देने से पुलिस को रोकना चाहिए। बायपास व सड़क चौड़ीकरण जैसे प्रोजेक्ट्स को जानबूझकर पास नहीं किया जा रहा है। खैरागढ़ मेन रोड़ पर फिलहाल भारी वाहनों को रोकने के लिए पहल की जानी चाहिए। अधिकारी किस कदर विपक्ष के जनप्रतिनिधियों की अनदेखी कर रहे है इसका ताजा उदाहरण इस बात से लिया जा सकता है कि विधानसभा चुनाव के बाद जीवनदीप समिति की केवल एक बार ही बैठक हुई है। विधायक समिति की अध्यक्ष होती है और निर्वाचित जनप्रतिनिधि सदस्य होते है। डोंगरगढ़ में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह बदहाल हो चुकी है।