पंकज शर्मा
नेशन अलर्ट/राजनांदगांव।
जिला निर्वाचन अधिकारी यानि कि जिलाधीश का दायित्व चुनाव आयोग के निर्देश अनुसार चुनाव को निर्विध्र व निष्पक्ष संपन्न कराना होता है। लगता है कि राजनांदगांव के जिलाधीश इस दायित्व का पूरी तरह से निर्वहन नहीं कर पा रहे हैं। आने वाले दिनों में नांदगांव के जिलाधीश कांग्रेस की एक शिकायत के बाद मुश्किल में घिर सकते हैं।
मुख्यमंत्री का निर्वाचन जिला राजनांदगांव है। जिले से मुख्यमंत्री चौथीं जबकि राजनांदगांव विधानसभा से तीसरी बार बतौर विधायक चुनावी मैदान में हैं। लगता है इस बार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री को घेरने की रणनीति बेहद गंभीरता पूर्वक बनाई है। संभवत: इसी के चलते मुख्यमंत्री के नाम निर्देशन पत्र का विवाद अब जिलाधीश तक पहुंचता नजर आ रहा है।
आज रायपुर में हो रही बैठक
कांग्रेस के विधि प्रकोष्ठ की बैठक आज रायपुर में रखी गई है। इसी बैठक में विधि प्रकोष्ठ के रुपेश दुबे मुख्यमंत्री के नाम निर्देशन पत्र की खामियां व उस संबंध में कांग्रेस द्वारा की गई आपत्ति पर जिलाधीश द्वारा सुनाए गए फैसले को लेकर वरिष्ठों से चर्चा करेंगे।
दुबे बताते हैं कि मुख्यमंत्री का नाम-निर्देशन पत्र गलत तरीके से जिलाधीश द्वारा स्वीकार किया गया है। इस संबंध में दस्तावेज एकत्र किए जा रहे हैं और दो दिनों के भीतर मामले की शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग से करने के साथ ही मुख्य चुनाव आयुक्त से भी की जाएगी। मतलब साफ है कि राजनांदगांव का जिलाधीश मामले को लेकर विवादित हो जाएगा।