कमलेश सिमनकर
नेशन अलर्ट/राजनांदगांव।
मुख्यमंत्री तीसरी मर्तबा राजनांदगांव के चुनावी समर में उतरें हैं लेकिन इस बार उनकी राह कहीं न कहीं कठिन नजर आती है। खूबचंद पारख जैसे वरिष्ठ भाजपाई भी मुख्यमंत्री से खफा बताए जाते हैं। संभवत: इसी नाराजगी के चलते उन्होंने शुक्रवार को मोतीपुर में हुई मुख्यमंत्री की सभा से स्वयं को दूर रखा था। मामला तब और गंभीर हो गया जब मुख्यमंत्री की पत्नी श्रीमती वीणा सिंह खूबचंद पारख को मनाने उनके घर पहुंची थीं।
बताया जाता है कि मुख्यमंत्री को कहीं न कहीं भीतर घात का भी सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ उनके विरुद्ध कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न व भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक अटल बिहारी बाजपेयी की भतीजी श्रीमती करुणा शुक्ला को उतारकर भाजपा के खेल को बिगाडऩे का प्रयास किया है। दूसरी तरफ मुख्यमंत्री को भाजपा की आंतरिक राजनीति से भी दो चार होना पड़ रहा है।
पारख के साथ शर्मा, डुलानी भी रहे नदारद
कल मुख्यमंत्री की सभा में वह जोश-खरोश नजर नहीं आया जिसके लिए भाजपा अथवा मुख्यमंत्री जाने-जाते रहे हैं। खूबचंद पारख के अलावा पूर्व सांसद अशोक शर्मा सहित सुरेश डुलानी जैसे कद्दावर भाजपाई मोतीपुर की सभा से नदारद नजर आए।
अशोक शर्मा की नाराजगी जहां अपने सुपुत्र नीलू शर्मा की टिकट से जुड़ी हो सकती है वहीं खूबचंद पारख के नाराज होने के दिगर कारण हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि सुरगी निवासी पवन साहू के आत्महत्या प्रकरण में एक जैन परिवार कथित रुप से आरोपी है। इसी आरोपी परिवार की मदद करने को लेकर पारख परिवार पर ऊंगली उठती रही है। संभवत: इसी के चलते पारख ने मोतीपुर की सभा से दूरी बनाए रखी होगी।
शुक्रवार की शाम अचानक वीणा सिंह खूबचंद पारख के निवास पहुंची थीं। एक कमरे में दोनों के बीच क्या कुछ गुफ्तगु हुई यह तो किसी को नहीं मालूम लेकिन इतना तय है कि पारख की कथित नाराजगी को मुख्यमंत्री खेमे ने गंभीरता से लिया है।