नेशन अलर्ट/राजनांदगांव।
पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने राजनांदगांव से विधानसभा चुनाव लडऩे की घोषणा के बाद भी चुनावी रण में उतरना जरुरी नहीं समझा। जोगी यह कहते रहे हैं कि वह मुख्यमंत्री को उनके विधानसभा क्षेत्र में चुनावी टक्कर देंगे और इस बात पर लोगों ने भरोसा भी किया। लेकिन जोगी अपनी बात से पलट गए और उन्होंने नांदगांव से चुनाव न लड़ मुख्यमंत्री को अघोषित समझौते के नाते मदद पहुंचाई है। तो क्या, फ्रेंडली मैच को लेकर कोई सौदा हुआ है?
दरअसल, पुराने कांग्रेस व अब जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़-जे के मुखिया अजीत प्रमोद कुमार जोगी भाजपा व मुख्यमंत्री पर अनगिनत आरोप लगाने के बावजूद भी उनके मित्र कहे जाते रहे हैं। जोगी ने मुख्यमंत्री को राजनांदगांव से चुनावी मैदान में उतरकर चुनौती देने का ऐलान किया था। फिर न जाने क्या कुछ हुआ कि जोगी राजनांदगांव के चुनावी समर में नहीं कूदे और एक रोचक मुकाबला होते होते रह गया।
कमजोर दो, कमजोर लो
जन मानस के बीच यह चर्चा बड़ी तेजी से फैली है कि अजीत जोगी और रमन सिंह के बीच जो मित्रता है वह इस बार के चुनाव में उजागर हो गई है। यदि ऐसा नहीं है तो जोगी नांदगांव से क्यूं नहीं लड़ रहे हैं? इसका जवाब भी जनता खुद देती है।
जनचर्चा के मुताबिक मुख्यमंत्री के सामने कमजोर प्रत्याशी उतारकर अजीत जोगी ने अपनी सीट सुरक्षित रखने का प्रयास किया है। मरवाही सीट से अजीत जोगी लड़ेंगे तो वहां से भाजपा अर्चना पोर्ते नामक महिला को उतारेगी। मतलब इधर अजीत जोगी ने रमन के खिलाफ कमजोर प्रत्याशी उतारा तो उधर जोगी के खिलाफ भी भाजपा कमजोर प्रत्याशी उतार रही है।
समीरा पैंकरा क्यूं नहीं?
जानकार बताते हैं कि समीरा पैंकरा मरवाही से भाजपा की बेहद मजबूत प्रत्याशी हो सकती थीं। दरअसल, समीरा ने गत चुनाव में अमित जोगी के हाथों हार झेलने के बावजूद मरवाही की जनता को उसके भाग्य भरोसे नहीं छोड़ा था। समीरा ने इसके साथ ही अमित जोगी की जाति संबंधी व जन्म संबंधी विवाद को लेकर कोर्ट-कचहरी तक जोगी परिवार को खींच लिया है।
समीरा के कोर्ट-कचहरी के रुख से घबराए अमित जोगी ने मरवाही से स्वयं चुनाव न लड़कर वहां से अपने पिता का नाम आगे बढ़ाया है। अब यदि अमित जोगी मरवाही से नहीं लड़ते हैं तो यह माना जा सकता है कि वह जाति-जन्म विवाद में बुरी तरह से घिर गए हैं।
हालांकि जाति का विवाद अजीत जोगी से भी जुड़ा हुआ है। आरटीआई एक्टिविस्ट कुणाल शुक्ला ने तो चुनाव आयोग को पत्र लिखकर आरक्षित सीट से चुनाव लडऩे अजीत जोगी को रोकने की मांग की है।