सत्र के दौरान विस अध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र में लाखों की चोरी !

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० किस पुलिस अधिकारी ने कहा कि कम की रपट लिखवाओ ?

नेशन अलर्ट/9770656789

राजनांदगाँव.

विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन मुख्यालय स्थित एक घर में चोरी हो जाती है और पुलिस वास्तविक रपट नहीं लिखती. उसका कोई अधिकारी-कर्मचारी उलटे प्रार्थी को चोरी हुई राशि रपट में कम दर्शाने की सलाह दे आता है. किस बात का डर है पुलिस को जो वह चोरी हुई रकम अथवा जेवरात कम बताने कह रही है?

दरअसल, शहर के गायत्री स्कूल के समीप दिनेश अग्रवाल नामक व्यक्ति का मकान है. दिनेश को पेशे से कर सलाहकार (वकील) बताया जाता है.

हाल ही में वह अपनी गाडी़ से कुँभ स्नान करने प्रयागराज गए हुए थे. पीछे मकान में कोई और नहीं था इस कारण ताला लगाकर वो सपरिवार गए हुए थे.

सहेली आई तो पता चली चोरी . . .

दिनेश के बताए मुताबिक वह सोमवार को राजनांदगाँव लौट रहे थे. इसी बीच उनकी पत्नी की सहेली घर आई तो उसे मुख्य प्रवेश द्वार में ताला लगा मिला.

पारिवारिक मित्र ने जब घर को बाहर से अच्छे से देखा तो अँदर के दरवाजे खुले हुए थे. उसने श्रीमती अग्रवाल को फोन कर सूचित किया.

यह शाम करीब 4.30 बजे के आसपास की बात होगी. उस समय वह गँडई के आसपास रहे होंगे. चोरी की आशंका में वह सीधे नाँदगाँव शाम करीब 7.30 बजे पहुँचे.

तब तक उन्होंने अपने परिचितों व रिश्तेदारों को घर देखने भेज दिया था. पुलिस भी सूचना मिलने पर आई. उसने किसी भी चीज को छुआ नहीं.

सोमवार देर शाम से लेकर मँगलवार शाम तक पुलिस अथवा उसके सहयोगी इकाईयों द्वारा जाँच की जाती रही. सीसीटीवी देखे गए.

दिनेश बताते हैं कि 24 फरवरी की रात 01.19 बजे घर में प्रवेश करते हुए लड़के सीसीटीवी में कैद हुए हैं. वह 02.07 बजे जाते दिखाई दे रहे हैं. फुटेज पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया है.

आज किसी मित्र ने “नेशन अलर्ट” को वाट्सऐप कर उक्त चोरी की सूचना दी. इसमें लगभग 20 लाख नगद व जेवरात मिलाकर 25 से 30 लाख की चोरी की आशँका जताई गई थी.

चूँकि इतनी बडी़ रकम अथवा जेवरात चोरी चले जाना मध्यमवर्गीय परिवार के लिए बडी़ बात होती है इस कारण “नेशन अलर्ट” के कान खडे़ हुए.

उसने दिनेश अग्रवाल से सँपर्क करने का प्रयास किया. उनके मोबाइल पर दोपहर 12.27 बजे रिंग दी गई लेकिन बात नहीं हो पाई.

पुन: शाम को 05.12 मिनट पर रिंग दी गई. इसके बाद 05.21 बजे फिर प्रयास किया गया तो उनसे करीब 31 सेकंड बात हो पाई.

सँक्षिप्त बातचीत में उन्होंने यह कहा था कि पुलिस अधिकारी के कहने पर कम की रपट लिखाई है लेकिन चोरी अधिक की है. इसके बाद उनकी ओर से फोन डिस्कनेक्ट कर दिया गया.

इसके बाद उन्होंने अपनी तरफ से 05.22 बजे “नेशन अलर्ट” के प्रचलित मोबाइल नँबर 9770656789 पर घँटी दी. इस बार उनसे कुलजमा 04 मिनट 55 सेकंड बात हो पाई.

पहले की अपेक्षा इस बार वह पुलिस की प्रशँसा करते हुए बातचीत कर रहे थे. जब उनसे पूछा गया कि किस अधिकारी ने उन्हें कम की रपट लिखाने कहा है तो वह यह कहने लगे कि अभी हमने घर में फैले सामान को ही नहीं देखा है.

इस कारण करीब 10 लाख नगद और 5 – 6 लाख के जेवरों की चोरी की सूचना दी है. वह बेहद परेशान भी थे इस कारण उनकी बात मान ली गई.

. . . लेकिन सवाल इस बात का है कि वह कौन अधिकारी है जो कम की रपट लिखवाने की सलाह दे रहा है ? क्या पुलिस कुछ छिपा रही है क्यूं कि विधानसभा सत्र चल रहा है और जहाँ चोरी हुई है वह विधानसभा अध्यक्ष के निर्वाचन क्षेत्र का मामला है ?

बहरहाल, इस मामले में नगर पुलिस अधीक्षक से बातचीत करने का प्रयास किया गया था. चूँकि वह फोन नहीं उठा पाए इस कारण पुलिस का पक्ष पता नहीं चल पाया.