ट्रेन में मोबाईल तो बस में उज्जवला का प्रचार-प्रसार

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विक्रम बाजपेयी
नेशन अलर्ट/राजनांदगांव

निर्वाचन आयोग के लाख दावे उनकी लापरवाही और सरकारी जुगाड़ पर भारी पड़ रहे हैं। आचार संहिता के एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी सरकारी विज्ञापन, सरकारी संस्थानों और सरकारी जगहों में छाए हुए हैं। इसके अलावा निजी जगहों या साधनों पर भी प्रदर्शन विज्ञापन अब तक प्रदर्शित हो रहे हैं। ट्रेन में मोबाईल तो बस में उज्जवला योजना का प्रचार हो रहा है। कहीं-कहीं कांग्रेस का प्रचार-प्रसार भी अब तक सामने दिखाई देता है।

पहले ही ट्रेन में सरकारी विज्ञापन के प्रदर्शन को लेकर खबर ‘नेशन अलर्ट’ ने दी थी। इस बीच ऐसे ही कुछ और मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री के निर्वाचन जिले राजनांदगांव में अब भी उज्जवला योजना जैसे विज्ञापनों का प्रदर्शन धड़ल्ले से हो रहा है। निजी सवारी वाहन की एक ऐसी ही तस्वीर ‘नेशन अलर्ट’ को मिली।

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राजनांदगांव से खैरागढ़ जाने वाली इस सवारी बस में उज्जवला योजना का सरकारी विज्ञापन चस्पा है। विज्ञापन में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री सहित अन्य भाजपाईयों की तस्वीर भी शामिल है। ऐसे में यह निजी बस जिले के एक बड़े हिस्से में सरकार की योजनाओं का बखान कर रही है और हां, ये अब तक निर्वाचन आयोग की पहुंच से दूर भी है।

कांग्रेस के भी विज्ञापन
न सिर्फ सत्ता में रहे दल की बात या सत्ताधारियों की, कांग्रेस को भी थोड़ी छूट मिली है। जिले के ही ग्रामीण क्षेत्र में कई जगहों पर अब भी कांग्रेस के प्रचार-प्रसार से अटी पड़ी दीवारें मिल जाएंगी। खुज्जी विधानसभा से एक तस्वीर मिली। वहां के मौजूदा कांग्रेसी विधायक भोलाराम साहू के निवेदन वाली प्रचार सामग्री ग्राम कुमर्दा में सड़क से लगे एक घर के दीवार की शोभा बढ़ा रही है। इस दीवार में लिखे स्लोगन में परिवर्तन का संकल्प, कांग्रेस ही विकल्प का नारा आगे बढ़ाया जा रहा है।

हटेंगे, हटाएंगे.. प्रचार सामग्री
इस मसले को लेकर राजनांदगांव जिले के कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारी भीम सिंह ने स्पष्ट किया कि वे इन प्रचार सामग्रियों को हटाने के तत्काल आदेश देंगे। वहीं प्रदेश निर्वाचन अधिकारी सुब्रत साहू ने आचार संहिता के दौरान ऐसी चीजों को दूर करने में निर्वाचन विभाग की लापरवाही से इंकार किया लेकिन हां, उन्होंने इस पर कार्रवाई की बात कही है।


भाजपाई करण से प्रशासन मुक्त नहीं हो पाया है। ऐसा लगता है कि प्रदेश में स्वच्छ व निष्पक्ष चुनाव नहीं हो रहा है। आयोग को तत्काल अपनी संहिता का पालन कराने कठोर निर्देश देने चाहिए।
रुपेश दुबे, कांग्रेस नेता, राजनांदगांव

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