मोहला। पुलिस अधीक्षक मोहला-मानपुर-अं. चौकी वायपी सिंह के निर्देशन में व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिला मोहला-मानपुर-अं. चौकी देवचरण पटेल पुलिस अनुविभागीय अधिकारी प्रशांत पैकरा के मार्गदर्शन पर थाना खड़गांव पुलिस द्वारा हत्या के मामले का खुलासा के बाद आरोपी पिता-पुत्री को गिरफ्तार किया गया।
मामले का विवरण इस प्रकार है कि प्रार्थी पवन कुमार उईके दिनांक 27.01.2025 को थाना उपस्थित आकर गुम इंसान रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसका छोटा भाई सुनील कुमार उईके दिनांक 22.01.2025 के प्रातः ग्राम घोड़ागांव से कोर्ट राजनांदगांव पेशी जाने के लिये निकला था, जो आज दिनांक तक वापस नहीं आया है, उसका बेग स्कूल पारा घोड़ागांव के पगडन्डी, खेत खार के पास पड़ा मिला है। सूचना पर गुम सदर की जांच प्रारंभ की गई। जांच दौरान गुमशुदा तथा संदेही सीमा उईके तथा अन्य लोगों के मोबाईल लोकेशन,ए सीडीआर का अवलोकन किया गया जो दिनांक 22-23 जनवरी की दरम्यानी रात्रि में संदेही सीमा उईके द्वारा गुमशुदा को कॉल करने के बाद से गुमशुदा का मोबाईल बंद होना पाया गया। पतासाजी दौरान संदेही कुमारी सीमा उईके तथा उसके पिता नवल साय उईके से पूछताछ करने पर पुलिस को लगातार गुमराह कर रहे थे, तभी दिनांक 01.02.2025 को गुमशुदा सुनील कुमार उईके का शव ग्राम घोड़ागांव के बांसकूप जंगल में होने की सूचना मिलने पर वरिष्ठ अधिकारियों को सूचना देकर एफएसएल यूनिट को सूचना देने पर टीम के मौके पर पहुंचने पर संयुक्त रूप से आरोपी नवल साय उईके तथा कुमारी सीमा उईके से पूछताछ करने पर आरोपी नवल साय उईके द्वारा जुर्म कबुल करना एवं बताया गया कि मृतक सुनील कुमार उईके मेरी बेटी सीमा से बार-बार मिलने आता था और सीमा के द्वारा मना करने पर भी जबरदस्ती मिलने एवं संबंध बनाने का प्रयास करता था, जिससे मेरी बेटी सीमा बहुत परेशान रहती थी। इस कारण से दिनांक 22.01.2025 योजनाबद्व तरीके से सुनील कुमार उईके को अपने घर बुलाया और घर में पडे लकड़ी के डंडे से उसके सर पर जोरदार वार करके उसकी हत्या कर दी और नवल साय उईके द्वारा शव को घोड़ागांव कुमुरकट्टा रोड पर बांसकूप के जंगल में नाली पर फेक कर उससे उस पर पेड की शाखा को रखकर छुपा दिया था तथा वहां से लगभग 600 मीटर की दूरी पर जंगल में मृतक के कपड़े को जला दिया था। अपराध कबुल करने पर आरापी नवलसाय उईके व कुमारी सीमा उईके के विरूद्व हत्या, आपराधिक षड्यंत्र, साक्ष्य छिपाने का अपराध पंजीबद्व किया गया एवं आरोपीगण को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेजी जाती है। पुलिस पूछताछ में आरोपीगणों द्वारा लगातार घटना तथा साक्ष्य को छिपाने का हर संभव प्रयास किया गया। किन्तु वरिष्ठ अधिकारियों के स्वतत मार्गदर्शन तथा पुलिस इन्वेटीगेशन में आरोपी टूट गये और घटना का खुलासा हुआ। विवेचना कार्यवाही दौरान गुमशुदा तथा आरोपी की पतासाजी करने में वरिष्ठ अधिकारियों का मार्गदर्शन सायबर टीम, डीआरजी टीम तथा खड़गांव पुलिस टीम की मुख्य भुमिका रही।
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