राजनांदगांव। राजनांदगांव जिले में आरक्षण की स्थिति साफ हो जाने के बाद दावेदारों की सूचियां अंतिम पड़ाव की ओर बढ़ने लगी है। इन्हीं सब के बीच जिला पंचायत क्षेत्र क्रमांक-2 सीट से सबसे ज्यादा चर्चा अगर किसी नाम की हो रही है तो वह हैं चित्रलेखा वर्मा की। चित्रलेखा वर्मा पहले भी जिला पंचायत की अध्यक्ष रह चुकी हैं और इस बार भी इसकी पूरी संभावना है कि कांग्रेस पार्टी एक बार फिर से उन्हें ही मौका दे। चित्रलेखा वर्मा के लिए दो बातें सबसे अहम है और वो हैं एक तो जिला पंचायत अध्यक्ष महिला आरक्षित सीट हो गई है, वहीं दूसरी तरफ वो पहले भी जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुकी हैं और सफलतापूर्वक अपना ऐतिहासिक कार्यकाल पूरा कर चुकी हैं। इन्हीं सब के चलते उनके नाम की चर्चा विरोधी खेमे में भी होने लगी है, और इस चर्चा ने विरोधी खेमे की नींद उड़ा दी है। विरोधी खेमे से यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि चित्रलेखा वर्मा को कांग्रेस पार्टी टिकट देती है तो कौन ऐसा प्रत्याशी होगा जो उनको सीधी टक्कर दे सके, जब तक उनके नाम की चर्चा नहीं हुई थी तब तक राजनीतिक गलियारों में कोई हलचल नहीं थी, लेकिन जैसे ही श्रीमती वर्मा का नाम सामने आया, मानो विरोधी खेमे में भूचाल आ गया हो। श्रीमती वर्मा की दावेदारी ने विरोधी खेमे को ठिठकने पर मजबूर कर दिया है और अज्ञात सूत्रों से यह भी मालूम चला है कि, विरोधी खेमे में या रणनीति ही बदली जाएगी या तो प्रत्याशी ही बदल दिया जाएगा। यही नहीं उनके निर्वाचन क्षेत्र से भी उन्हें जिला पंचायत सदस्य बनाए जाने की मांग जोरदार ढंग से उठाई जा रही है। ग्रामीणों की मांग पर श्रीमती वर्मा ने अपनी दावेदारी ठोकने का भी अब मन बना लिया है। देखा जाए तो उनके जैसी अनुभवी और कद्दावर नेता उक्त क्षेत्र या क्षेत्र के आसपास कोई दूसरा नही है। बतौर जिला पंचायत अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने जो उल्लेखनीय कार्य किया है उसका दूसरा कोई सानी नहीं है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि की अगर बात करें तो वर्तमान में वो प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव है। अतिरिक्त गतिविधियों के अंतर्गत राजीव गांधी पंचायती राज में जिला समन्वयक, महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी राजनांदगांव, संरक्षक जिला महिला लोधी समाज जैसे महत्वपूर्ण पदों का निर्वहन बखूबी कर चुकी हैं। राजनैतिक पृष्ठभूमि की अगर बात करें तो वर्ष 2015- 2020 तक उन्होंने सफलतापूर्वक जिला पंचायत अध्यक्ष का अपना कार्यकाल पूरा किया। 2010-2015 में जिला पंचायत सदस्य रहीं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सक्रिय सदस्य रहीं। वर्ष 2000-2005 में कृषि ऊपज मंडी राजनांदगांव की अध्यक्ष रही। इतना ही नहीं प्रदेश महिला उपभोक्ता कांग्रेस की वह उपाध्यक्ष भी रह चुकी हैं। साथ ही वर्ष 1995-2000 ग्राम पंचायत अमलीडीह विख राजनांदगांव की सरपंच भी रह चुकी है। अन्य उपलब्धि की अगर बात करें तो वह छग राज्य समाज कल्याण बोर्ड (शासन द्वारा नियुक्ति) की सदस्य भी रह चुकी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में सामाजिक कार्य के लिए समाज सहित अनेकों संगठन, संस्था और समितियों से कई बार पुरूस्कृत हो चुकी हूँ। किसान प्रतिनिधि के रूप में किसानों के हितार्थ वह सदैव कार्य करती रही है। पारिवारिक पृष्ठभूमि की अगर बात करें तो, इनके पिता स्व. हीराराम वर्मा, पूर्व विधायक वर्ष 1972-1977, 1980-1985, 1985-1990 मध्यप्रदेश विधानसभा में डोंगरगढ़ और डोंगरगांव क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से विधायक रहे। इसके अलावा अध्यक्ष-पिछड़ा आयोग म.प्र. भोपाल, अध्यक्ष भूमि विकास बैंक राजनांदगांव, वहीं पति कामदेव वर्मा, ब्लॉक कांग्रेस के कार्यवाहक पूर्व अध्यक्ष के रूप में कांग्रेस पार्टी रहे हैं और कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने और पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने में उन्होंने विशेष भूमिका निभाई है। वहीं पुत्र खिलेन्द्र वर्मा भी वर्तमान राज्य समन्यवक जवाहर बालमंच, पूर्व जिला महासचिव युवा कांग्रेस जिलाध्यक्ष जवाहर बालमंच सहमहामंत्री ब्लाक कांग्रेस कमेटी घुमका एवं पूर्व एनएसयूआई जिला महासचिव राजनांदगांव जैसे पदों पर आसीन रहे हैं।
(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)