राजनांदगांव। भारतीय संविधान के निर्माता, महामानव भारतरत्न डा. बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर जी का 68वां महा परिनिर्वाण दिवस पर शुक्रवार, 6 दिसंबर को शहर कांग्रेस कमेटी द्वारा कांग्रेस भवन में संगोष्ठी सभा आयोजित कर विनम्र आदरांजलि देकर उनके व्यक्तित्व, जीवन, आदर्शों, राष्ट्र के प्रति उनके उल्लेखनीय योगदान को निहित करते हुए विचार संगोष्ठी सभा आयोजित की गई।
शहर कांग्रेस महामंत्री अमित चंद्रवंशी सभा का संचालन करते हुए बताया कि बाबा साहेब अंबेडकर ने सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ आंदोलन चलाए, जातिवाद के खिलाफ जमकर लोहा लिया। भारत के स्वतंत्र पश्चात जातिवाद भेदभाव मिटाने व सभी वर्गों के सम्मान के लिए भारत का संविधान लिखा, विश्व की सबसे सबसे पढ़े लिखे शख्सियतों में उनका नाम गर्व से लिया जाता है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करके देश और समाज के प्रति उनके अमूल्य योगदान को नमन किया जाता है। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज के निर्देशानुसार शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा के नेतृत्व में डाण्बाबा साहेब डा. भीमराव अंबेडकर जी का 68वां महा परिनिर्वाण दिवस पर संगोष्ठी सभा आयोजित की। संगोष्ठी सभा को वरिष्ठ कांग्रेसी कुतबुद्दीन सोलंकी, कमलजीत सिंह पिन्टू, रमेश डाकलिया, पीसीसी महासचिव थानेश्वर पाटिला, पंकज बांधव, गोपीचंद गायकवाड़, अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सिद्धार्थ डोंगरे, ब्लॉक अध्यक्षद्वय आसिफ अली, सूर्यकांत जैन ने संबोधित किया।
पूर्व मंत्री धनेश पाटिला ने बाबा साहेब अम्बेडकर को अदरांजलि देते हुए कहा कि भारत की आजादी के बाद सरकार चलाने, देश को संगठित रखनेए देश के विकास व समाज के विकास के लिए एक नियमावली व्यवस्था की जरूरत थी, तब कांग्रेस ने डा. भीमराव अम्बेडकर को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी, जिसे बाबा ने बखूबी निभाते हुए गरीबों, दलितों व सभी को समानता बनाते हुए भारत के संविधान की निर्माण की। इस संविधान में भाषा बोली, भोगोलिक वर्गीकरण स्थिति समावेश को देखते हुए लिखा गया। आज इस संविधान को विश्व का सबसे अच्छा लिखित व विस्तृत और सबसे बड़ा संविधान माना जाता है, जिसके लिए हम भारतवासी अपने आप को गर्व महसूस करते है।
संगोष्ठी सभा के नेतृत्वकर्ता शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि आज डा. अंबेडकर जी का 68वां परिनिर्वाण दिवस है, जिसके लिए मैं बाबा अम्बेडकर को सादर नमन करता हूं। बाबा साहेब आजाद भारत में जीवनभर दबे, कुचले वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष किया। भारत देश को आगे बढ़ाने, कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिए संविधान का निर्माण किया। सभी को समानता, समाज की व्यवस्था को लेकर बाबा साहेब ने संविधान का निर्माण किया था। संविधान के आधार पर न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और तमाम सरकारी व अर्धशासकीय संस्थान में इनका पालन किया जाता है। वे भारतीय संविधान के प्रमुख वास्तुकार थे।
संगोष्ठी सभा तत्पश्चात कांग्रेस द्वारा बाबा साहब भीमराव अंबेडकर जी के साथ दिवंगत स्व. गिरीश शुक्ला, स्व. पुखराज छाजेड़, स्व. कांति देवांगन, स्व. विनोद पंचम गुप्ता, कुंती सिन्हा को दो मिनट की मौन श्रद्धांजलि दी।
इसके पश्चात कलेक्टोरेट स्थित डा. भीमराव अम्बेडकर की आदमकद प्रतिमा पर फुलमाला पहनाकर मोमबत्ती जलाकर आदरांजलि दी। इसके पश्चात सिविल लाइन स्थित बौद्ध विहार में बाबा साहेब की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर मोमबत्ती जलाकर आदरांजलि अर्पित कर, बौद्ध समाज द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर में कांग्रेसजन पहुंचकर रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाया। शहर कांग्रेस अध्यक्ष कुलबीर सिंह छाबड़ा ने कहा कि बौद्ध समाज द्वारा बाबा साहेब के निर्वाण दिवस रक्तदान किया जा रहा है, जो सराहनीय कार्य है, क्योंकि रक्तदान महादान है। जीवन की सुरक्षा के लिए रक्तदान बहुत जरूरी है।
सभा में प्रमुख रूप से शहर कांग्रेस उपाध्यक्ष विकास त्रिपाठी, मोहम्मद यहया, मोहिनी सिन्हा, प्रज्ञा गुप्ता, मनीष गौतम, अतुल शर्मा, सुरेन्द्र देवांगन, शैलेष ठावरे, विष्णु सिन्हा, भोला यादव, नीलेश ठावरे, सुरेन्द्र गजभिये, चेतन सिन्हा, प्रतिमा बंजारे, पार्षद महेश साहू, मनीष साहू, खिलेश बंजारे, शैलेष रामटेके, राहुल गजभिये, शौर्य वैष्णव, जितेन्द्र सिन्हा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित थे।
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