रायपुर।
केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) के निर्देश पर आईपीएस पवन देव द्वारा जांच रिपोर्ट को चुनौती देने के मामले में नोटिस तामिल हो गई है। कैट ने राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सहित विशाखा समिति को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है। अब इन सबको नोटिस का जवाब देना होगा। यहां पर गौरतलब है कि कैट ने राज्य शासन को इस रपट के आधार पर श्री देव पर किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने से रोक लगा रखी है।
आईपीएस पवन देव ने स्वयं के खिलाफ चल रहे एक मामले पर राज्य शासन की ओर से जारी किए गए आरोप पत्र को चुनौती दी थी। कैट ने सर्वप्रथम आरोप पत्र पर स्थगन आदेश जारी कर दिया था। इसके तुरंत बाद कैट ने एक दूसरी याचिका में समिति द्वारा की गई जांच पर भी स्थगन आदेश जारी किया था।
26 जून को होगी सुनवाई
एक महिला आरक्षक की शिकायत पर आईपीएस देव के खिलाफ जांच की गई थी। इसी दौरान उन्हें राज्य शासन की ओर से आरोप पत्र थमाया गया है। आरोप पत्र को देव ने कैट में चुनौती दी है। इसके तुरंत बाद विशाखा समिति द्वारा की गई जांच रपट को भी देव ने कैट में चुनौती दी है। कैट ने प्रथम दृष्टया ही आरोप पत्र को दोषपूर्ण मानते हुए स्थगन आदेश दे दिया है।
एडीजी देव का यह तर्क था कि उन्हें जांच में प्रति परीक्षण का अवसर नहीं दिया गया। नियम विरुद्ध तरीके से साक्ष्यों की गवाही फोन पर लेने, नियमों की अनदेखी कर नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ जाकर कार्रवाई करने सहित साक्ष्यों की कुटरचना कर रपट तैयार करने, वाट्सएप्प पर लिए गए बयान के आधार पर जांच रपट को चुनौती दी गई थी।
आईपीएस देव के अधिवक्ता मनोज शर्मा के उक्त तर्कों को कैट ने स्वीकार कर लिया था। इसके बाद कैट के निर्देश पर डीजीपी एएन उपाध्याय सहित समिति के सदस्यों आईएएस रेणू पिल्ले, आईपीएस सोनल मिश्रा, रिटायर्ड आईपीएस बीपीएस पौषार्य व एनजीओ की सदस्य श्रीमती मनीषा शर्मा को नोटिस जारी की गई थी। बताया जाता है कि इस नोटिस की तामिली हो गई है। अगली सुनवाई 26 जून को रखी गई है।