मोहला। कलेक्टर श्रीमती तुलिका प्रजापति ने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में महिला एवं बाल विकास विभाग के कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने परियोजना एवं सेक्टर वार आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में अध्यनरत बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण की समीक्षा की। उन्होंने परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों को निर्देशित करते हुए कहा कि सतत रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करें। हर एक बच्चा को लक्ष्य में रखकर बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर का मूल्यांकन करने कहा है। कुपोषित बच्चों को सुपोषण की श्रेणी में लाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया गया है कि सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण युक्त आहार का वितरण करें। बच्चों के वजन एवं उसकी ऊंचाई की नाप हर माह करें। इससे कलेक्टर ने बैठक में महिला बाल विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि गर्भवती माता, किशोरी बालिका एवं बच्चों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन करें। आंगनबाड़ी केंद्र के सभी बच्चों का आधार कार्ड बनाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने आंगनबाड़ी केंद्रों के कार्यकर्ताओं के द्वारा पोषण ट्रैकर ऐप में डाटा एंट्री का कार्य को प्राथमिकता के साथ गंभीरता पूर्वक सही एंट्री करने के निर्देश दिए। साथ ही महतारी वंदन योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले की सभी पात्र महिलाओं को इस योजना का पूर्ण लाभ सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि दस्तावेजों की जानकारी स्पष्ट होनी चाहिए, ताकि किसी प्रकार की त्रुटि न हो। साथ ही उन्होंने कहा कि योजना की प्रत्येक किस्त की राशि सही लाभार्थी के बैंक खाते में ही जाए। पात्र एवं अपात्र महिलाओं की सूची का पुनरीक्षण कर यह सुनिश्चित किया जाए कि जिन महिलाओं की मृत्यु हो चुकी है, उनका मृत्यु प्रमाण पत्र अद्यतन कर उन्हें योजना से अलग किया जाए। कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि योजना का क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनाए रखें और लाभार्थियों को समय पर राशि का भुगतान सुनिश्चित करें।
कलेक्टर ने परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षकों को निर्देशित करते हुए कहा कि हर गांव और आंगनबाड़ी केंद्र में एक शिक्षित लड़की को जागरूकता वालंटियर के रूप में नियुक्त किया जाए। इन वॉलंटियर्स को महिलाओं और बालिकाओं से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी।
कलेक्टर ने कहा कि ये वॉलंटियर्स माहवारी स्वच्छता, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, बाल विवाह की रोकथाम और अन्य सामाजिक विषयों पर जागरूकता फैलाने का कार्य करेंगी। उन्होंने इस योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वॉलंटियर्स का चयन शिक्षित और जागरूक लड़कियों में से किया जाए। कलेक्टर ने इस पहल को महिलाओं और बालिकाओं के सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
कलेक्टर श्रीमती प्रजापति ने कहा कि गर्भवती महिलाओं के आधार और अन्य आवश्यक दस्तावेज समय पर अपडेट किए जाएं, ताकि उन्हें सभी सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सके। उन्होंने कम उम्र में विवाह की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए बाल विवाह की रोकथाम के लिए जिले में व्यापक जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने कहा कि इस अभियान में सभी संबंधित विभाग सक्रिय रूप से सहयोग करें।
कलेक्टर ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिया कि लाभार्थियों की उम्र, दस्तावेज और सामाजिक स्थिति की पूरी जांच की जाए। उन्होंने कहा कि योजना का लाभ केवल पात्र लोगों को मिले और क्रियान्वयन में पारदर्शिता बनी रहे। पोषण पुनर्वास केंद्र में भर्ती कुपोषित बच्चों की समीक्षा करते हुए कहा कि ऐसे बच्चों को चिन्हित किया जाए जिन्हें विशेष चिकित्सा की जरूरत है। उन्होंने उनके लिए विशेष चिकित्सा कैंप आयोजित करने और अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने सभी पर्यवेक्षकों को विभागीय एमआईएस सॉफ्टवेयर को हर माह नियमित रूप से अपडेट करने के निर्देश दिए। उन्होंने भवन निर्माण की स्थिति और प्रत्येक भवन की सुविधाओं की समीक्षा करते हुए कमियों की चेकलिस्ट तैयार करने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने कहा कि कार्यप्रणाली में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
बैठक में महिला बाल विभाग के अधिकारी चन्द्रशेखर मिश्रा सहित ब्लाक स्तरीय परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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