जोड़ी में चयन करने वाले सोनवानी जोड़ी में भेजे गए जेल

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रायपुर. शासकीय नौकरी के लिए अभ्यर्थियों का चयन जोड़ी में करने वाले टामनसिंह सोनवानी को सोमवार को जेल भेज दिया गया. खास बात यह रही कि सोनवानी जोडी़ में ही जेल भेजे गए हैं.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ लोकसेवा आयोग (सीजीपीएससी) काफी समय से सुर्खियों में है. दरअसल, पीएससी ने सुर्खियाँ बटोरने का काम तब प्रारँभ किया जब सोनवानी उसके अध्यक्ष बनाए गए.

भर्ती में किया भ्रष्टाचार . . .

छत्तीसगढ़ की पीएससी पर आरोप है कि उसने भर्ती में भ्रष्टाचार किया. यह सोनवानी के अध्यक्ष रहने के दिनों में हुआ.

वर्ष 2019 से लेकर 2022 तक जब प्रदेश में काँग्रेस की सरकार हुआ करती थी तब सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों को कथित तौर पर पीएससी से नौकरियाँ दिलवाईं.

इसके साथ ही उन्होंने नेताओं सहित नौकरशाहों के भी भाई भतीजों को चुन लिया. आरोप है कि इसके एवज में उन्होंने रिश्वतखोरी की.

जब प्रदेश में विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आई तब उसने अपने वायदे के मुताबिक पीएससी के कथित स्कैम को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के सुपुर्द कर दिया. तब से सीबीआई जाँच चल रही है.

सीबीआई ने जब बीते 18 नवंबर को गिरफ्तारी की तो उसने सोनवानी के साथ साथ उद्योगपति श्रवण कुमार गोयल को भी गिरफ्तार किया. गोयल पर आरोप है कि उन्होंने अपने सुपुत्र और अपनी बहू के चयन के लिए रूपयों का लेनदेन किया था.

अगले दिन सोनवानी और गोयल की यह जोड़ी सीबीआई के स्पेशल कोर्ट में प्रस्तुत की गई. दोनों सीबीआई की रिमांड पर भेज दिए गए थे. आज फिर दोनों को कोर्ट के समक्‍क्ष गया.

घोटाले के आरोपी सोनवानी और श्रवण गोयल को सीबीआई की विशेष अदालत ने 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया. मामले की अगली सुनवाई 7 दिसंबर को बताई गई है.

जोडि़याँ जो सोनवानी के समय लाभान्वित हुईं

. राज्यपाल के सचिव रहे अमृत खलखो के सुपुत्र निखिल व सुपुत्री नेहा खलखो.

. उद्योगपति श्रवण गोयल के सुपुत्र शशांक व बहू भूमिका.

. काँग्रेसी नेता के ओएसडी रहे के सुपुत्र प्रखर व सुपुत्री प्रज्ञा नायक.

इसके अलावा कई अन्य नियुक्तियों पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं. इनमें से एक नाम आयोग के सचिव रहे सेवानिवृत्त अधिकारी जीवनकिशोर ध्रुव के रिश्तेदार का भी नाम विवादों में है. सुमीत ध्रुव कैसे डिप्टी कलेक्टर बनें यह अभी जाँच के दायरे में है.

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