छह वर्षों से एक ही ठेकेदारी पर संचालित मेटास कंपनी के सफाई कर्मचारी का फूटा गुस्सा

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राजनांदगांव। शासकीय जिला चिकित्सालय बसंतपुर में कार्यरत मेटास कंपनी के सफाई कर्मचारियों और कंपनी के सुरक्षाकर्मियों का जमकर शोषण हो रहा है। कंपनी के सफाई कर्मचारियों से रहा नहीं गया तो उन्होंने संयुक्त पत्र में कंपनी के सुपरवायजर के खिलाफ कलेक्टर से नामजद शिकायत कर दी है। दूसरी तरफ जिला चिकित्सालय में कार्यरत कंपनी के सुरक्षा कर्मचारियों द्वारा अपने साथ हो रहे शोषण के खिलाफ आवाज बुलंद करने की तैयारी की जा रही है।
जिला सरकारी अस्पताल बसंतपुर में कार्यरत मेटास कंपनी के सफाई कर्मचारी जागेश्वर प्रसाद, नितेश देवांगन, धनंजय दास, कविंद्र साहू, नूतन, वासुदेव यादव, शैलेंद्र कोसा, शशि बाई, सुधा मंडावी, जितेंद्र साहू, नितेश साहू, दुर्गा रजक, रोशन लाल, शिवानी रजक, आकाश, संध्या यादव, टुम्मन लाल, गौतम यादव और मधुमती मिश्रा ने संयुक्त हस्ताक्षरित पत्र में कलेक्टर को बताया है कि उनके सुपरवायजर टुम्मन साहू पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाते हुए ड्यूटी लगाई जाती है। 8 से 9 घंटा ड्यूटी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल पेंड्री में कार्यरत मेटास कंपनी के सफाई कर्मचारी भी देते हैं। इसके बावजूद उनकी मासिक पगार 9300 और जिला सरकारी अस्पताल में कार्यरत इस कंपनी के सफाई कामगारों का मानदेय 8300 रूपए है, जिसमें विषमता है। कर्मचारियों के पैसों को लेकर गड़बड़ी सुपरवायजर ही करता है। शिकायत में यह भी बताया गया है कि उक्त सुपरवायजर सफाई कर्मचारियों को सफाई के अलावा दूसरे कार्य करने के लिए विवश करता है। सुपरवायजर के रवैया से उन्हें मानसिक तनाव झेलना पड़ रहा है, उनके खिलाफ जिम्मेदार अधिकारियों से मौखिक शिकायत किए जाने के बाद भी समस्या का कोई समाधान नहीं निकल पाया है। शिकायत करते हुए कर्मचारियों ने कलेक्टर से सुपरवायजर तुमन साहू के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है। उन्होंने पत्र की प्रतिलिपि श्रम न्यायालय और जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन को भी दिए जाने की जानकारी दी है।
कविंद्र साहू ने कहा सफाई कर्मी पूनम साहू व चन्द विजय साहू ऑपरेशन थियेटर में कई सालों से जमे हुऐ है, जबकि सफाई कर्मचारियों का आपरेशन थियेटर में कोई कार्य नहीं हैं। जानकारी के अनुसार शासकीय जिला चिकित्सालय में 30 से 35 वार्ड ब्वाय, आया आदि के रहते हुए भी ठेके पर काम करने वाली मेटास कंपनी के सफाई कर्मचारियों से ऑपरेशन थिएटर में भी काम लिया जा रहा है। इस स्थिति में ऑपरेशन कक्ष में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। वहीं कंपनी के कर्मियों से सुरक्षा ड्यूटी के अलावा मरीज को स्ट्रेचर पर लेटाकर लाने ले जाने का भी काम कराया जा रहा है, यदि इस दौरान मरीज को या चिकित्सालय के बहुमूल्य उपकरणों को कोई नुकसान पहुंचता है तो जिम्मेदार कौन होगा? बताया जा रहा है कि अस्पताल में मेटास कंपनी के सफाई कामगारों और सुरक्षा कर्मियों के रहते अस्पताल के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों वार्ड ब्वाय, आया आदि को जमकर आराम फरमाने का अवसर मिल रहा है।

(यह खबर टीम नेशन अलर्ट द्वारा संपादित नहीं की गई है. जैसी मिली वैसी प्रकाशित हुई है. अत: नेशन अलर्ट किसी भी तरह की गल्ती के लिए जिम्मेदार नहीं है.)

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