राजनांदगांव।
पारख नर्सिंग होम के ऑपरेशन थियेटर में सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने के मामले में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग पत्राचार से आगे नहीं बढ़ पाए हैं। एक ओर तो कथन दर्ज किए गए और दूसरी ओर मामले को ठंडे बस्ते में डालकर रफा-दफा करने का प्रयास चल रहा है।
बताया तो यह तक जाता है कि इसमें भाजपा के कुछ जिम्मेदार पदाधिकारी भी कमलेश सिमनकर पर दबाव डालने की कोशिश करते रहे हैं। वो तो भला हो कमलेश सिमनकर का जिन्होंने अब तक मामले को छोड़ा नहीं है। कमलेश सिमनकर के कथन लेने के बाद गत 1२ जुलाई को पारख नर्सिंग होम के मेडिकल ऑफिसर डॉ. मोहन पारख का कथन पुलिस ने दर्ज किया।
स्वीकारी कैमरे लगे होने की बात
पारख नर्सिंग होम के मेडिकल अफसर डॉ. मोहन (61) पिता स्व. घेवरचंद पारख ने 12 जुलाई को बसंतपुर पुलिस थाने में अपना कथन दर्ज कराया। डॉ. मोहन के कथनानुसार उनकी पत्नी डॉ. पदमा पारख अस्पताल की संचालक हैं।
डॉ. मोहन ने पुलिस को बताया कि उनके नवनिर्मित नर्सिंगहोम का शुभारंभ 11 जून को हुआ है। कार्य अपूर्ण होने के कारण 3 जुलाई से पारख नर्सिंग होम नई बिल्डिंग में संचालित हो रहा है। नर्सिंग होम में 14 सीसीटीवी कैमरे लगे होने की बात डॉ. पारख अपने कथन में स्वीकारते हैं।
उनके बताए अनुसार डॉ. चेंबर में 4, वेटिंग हॉल में 1, प्रायवेट वार्ड की गैलरी में 3, ऑपरेशन थियेटर वेटिंग में 1, पोस्ट ऑपरेशन वार्ड में 1, प्री ऑपरेटिव रुम में 1 व 3 कैमरे ऑपरेशन थियेटर में लगे हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा था कि आज दिनांक तक (12 जुलाई 2017) कैमरे चालू नहीं किए गए हैं।
डॉ. मोहन पारख ने कथन में दर्ज कराया कि 11 जुलाई को डीएचओ डॉ. एलएस आंचले ने नर्सिंग होम का निरीक्षण किया था। डॉ. आंचले के निरीक्षण के दौरान सभी कैमरे वर्किंग मोड में नहीं पाए गए थे। 11 जुलाई को ही सीएमएचओ का प्रभार संभाल रहे डॉ. मिथलेश चौधरी द्वारा फोन पर चर्चा के दौरान बताया गया कि ऑपरेशन थियेटर में कैमरा नहीं लगाना है। इस पर कैमरा निकलवाने की बात डॉ. मोहन पारख ने कथन में कही है।