रायपुर।
बाहर के अंधकार को तो मिट्टी के दीपक जलाकर दूर कर सकते हैं किन्तु अन्र्तमन में छाए हुए अन्धकार को दूर करने के लिए हमें शुभसंकल्पों के दीप जलाने होंगे।
यह विचार प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने दीपावली पर चौबे कालोनी में आयोजित आध्यात्मिक समारोह में व्यक्त किए। उन्होंने आह्वान करते हुए कहा कि आओ हम सभी मनुष्य सत्य परमात्मा से सत्य ज्ञान लेकर अपने जीवन को पावन बनाएं। अपनी आत्म ज्योति जगाकर ईश्वरीय मिलन का वास्तविक सुख प्राप्त करें। ऐसे मनोपरिवर्तन से ही पृथ्वी पर स्वर्ग आएगा। जहाँ श्री लक्ष्मी और श्री नारायण का राज्य होगा।
उन्होंने आगे कहा कि आत्मा ही सच्चा दीपक है। विकारों के वशीभूत हो जाने के कारण आत्मा का प्रकाश आज मलिन हो गया है। अन्तर्मन काम, क्रोध आदि विकारों के अधीन हो गया है। ऐसे विकारी मनुष्यों के बीच श्री लक्ष्मी का शुभागमन भला कैसे हो सकता है? यह कैसी विडम्बना है कि मन-मन्दिर की सफाई करने की जगह बाह्य सफाई से ही हम खुश हो जाते हैं। इस समय परमपिता परमात्मा जो कि जन्म-मरण के चक्र में न आने के कारण सदा ही जागती ज्योति हैं। हम मनुष्य आत्माओं की ज्ञान और योग से ज्योति जगाकर पावन बना रहे हैं। दीपावली का त्यौहार परमात्मा के इन्हीं कर्मों की यादगार है।
दीपावली का त्यौहार छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बड़े ही धूमधाम से हर्षोल्लास और उमंग उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर सेवाकेन्द्र को रंग बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। आंगन में रंगोली भी सजायी गयी थी, जो कि बड़ा ही मनोहारी प्रतीत हो रहा था।
प्रारम्भ में इन्दौर जोन की क्षेत्रीय प्रशासिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी कमला बहन ने परमपिता परमात्मा के ईश्वरीय महावाक्य पढ़कर सुनाया। पश्चात शिवबाबा को भोग स्वीकार कराया गया। कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।