ज्योतिषाचार्य : यतिवर्य कुमार विजय
- आज के दिन शाम को सूर्यास्त के समय दीप जलाकर माता लक्ष्मी का आव्हान किया जाता है और माता की आरती उतारी जाती है और एक थाली में दीपक जलाकर पुरे घर में घुमाया जाता है ताकि माता लक्ष्मी की नज़र हमारे पुरे घर को रोशन करे और फिर दीपक को घर के अन्दर और बाहर सजाकर खुशिया मनाई जाती है |
- नवीन झाडू एवं सूपड़ा खरीदकर उनका पूजन करें। सायंकाल दीपक प्रज्ज्वलित कर घर, दुकान आदि को सुसज्जित करें। मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुओं, तालाब, बगीचों में भी दीपक लगाएं। यथाशक्ति तांबे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन, राशिनुसार यन्त्र व आभूषण क्रय करें । हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें। कार्तिक स्नान करके प्रदोष काल में घाट, गौशाला, बावड़ी, कुआं, मंदिर आदि स्थानों पर तीन दिन तक दीपक जलाएं।
- शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गद्दी बिछाएं अथवा पुरानी गद्दी को ही साफ कर पुन: स्थापित करें। आज के दिन धन और लक्ष्मी के सम्बंधित या व्यापर बढाने का कोई यन्त्र खरीदना चाहिए |
- आज अपने घर के मंदिर को साफ़ सफाई करके घी का दीपक जलाकर धुप अगरबत्ती करके एक चोकी पर चावल का स्वस्तिक बनाकर उस पर एक दीपक बिच में और चारो कोनो पर एक एक दीपक रखना चाहिए और फिर माता का ध्यान करके घर में लाये गए नए समान की पूजा करनी चाहिए | कुमकुम से ॐ लिखे और स्वस्तिक बनाकर ….. मन में माता का ध्यान करके शुभ मंगलकामना की प्रार्थना करना चाहिए और फिर चौकी के सामने बैठकर माता के किसी मंत्र की चार माला का जाप करना चाहिए और फिर सब घर के मेंबर साथ बैठकर खाना खाए |
- आज के दिन बहुत लोग अपने घर में सोने चांदी या प्रचालन में चलने वाले और पुराने सिक्को को भी पंचामृत से धोते है और फिर शुद्ध पानी से धोकर के एक थाली में सजाकर उनकी पूजा करते है और फीर उन सिक्को को एक लाल थैली में डालकर के कुछ लॉन्ग और चांदी का टुकड़ा उसमे डालकर अपनी- तिजोरी में रखते है |
- आज घर के या घर के अडोस पड़ोस के छोटे बचो को भी हाथ में कुछ रुपये (एक रूपया) देने का रिवाज है वह इसलिए की धन बच्चो में बांटने से वो खुश होते है और उनकी ख़ुशी माता लक्ष्मी के रूप में फिर हमारे घर में प्रवेश करती है और सालभर हमारे घर में खुशिया ही खुशिया रहती है धनधान की सम्पन्नता बनी रहती है |
- आज के दिन आप मेरे पास से भी लक्ष्मी यन्त्र… कुबेर यन्त्र …. वैभव् लक्ष्मी यन्त्र ….. महालक्ष्मी यन्त्र …. व्यापार वृद्धि लक्ष्मिदायक यन्त्र ….. अद्भूत लक्ष्मी प्राप्ति यंत्र….. अष्टलक्ष्मी यन्त्र …. सुखशांति वृद्धि यंत्र … पद्मावती यंत्र मन्त्र ….. भैरव और भी अनेक प्रकार के सिद्ध यन्त्र प्राप्त कर सकते है |