राजनांदगांव।
निजी नर्सिंग होम द्वारा आपरेशन थियेटर (ओटी) में कैमरे लगाए जाने की शिकायत से संबंधित जांच कथन दर्ज करने से आगे नहीं बढ़ पाई। इधर पुलिस ने कथन दर्ज किए उधर राजनांदगांव के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) आला अधिकारियों से मार्गदर्शन मांगते रह गए।
ज्ञात हो कि मामला जुलाई माह का है। राजनांदगांव के मीडियाकर्मी कमलेश सिमनकर ने 11 जुलाई को सोशल मीडिया में एक वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो में पारख नर्सिंग होम के द्वारा अपनी ओटी में कैमरे लगाए जाने की पुष्टि होती थी। उसके बाद कमलेश की लड़ाई अब तक जारी है।
बयान दर्ज किए और कुछ नहीं
कमलेश ने सबसे पहले बसंतपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भी कमलेश का बयान लिया। कमलेश के बयान जिस तारीख को दर्ज किए गए उसी 12 जुलाई को डॉ. मोहन पारख के भी कथन दर्ज किए गए।
पुलिस ने इसके अलावा डॉ. एसएल आचले से वह जांच रपट मांगी जिसमें उन्होंने सीसीटीवी कैमरा लगे होने का उल्लेख किया था। इस बारे में बसंतपुर थाना प्रभारी ने डॉ. आचले को 20 जुलाई को पत्र लिखा। डॉ. आचले की ओर से 27 जुलाई को जवाब भी दे दिया गया।
इस सारी प्रक्रिया में जो समय लगा वह अपनी जगह है लेकिन मामला इससे आगे नहीं बढ़ पाया। दरअसल, मामले में कहीं न कहीं राजनीति हावी हो गई। कमलेश इस बात को स्वीकारते भी हैं कि उन्हें दबाव में लाने की कोशिश की गई। लेकिन उनकी लड़ाई अनवरत जारी है।