राजनांदगांव।
पारख नर्सिंग होम की शिकायत जिस कमलेश सिमनकर नामक व्यक्ति ने की है वह दरअसल जुझारु पत्रकार हैं। प्रिंट व इलेक्ट्रानिक मीडिया में काम करने वाले कमलेश बताते हैं कि नर्सिंग होम के ऑपरेशन थियेटर में लगा कैमरा उन्हें आपत्तिजनक लगा। इसी के चलते पहले उन्होंने मामले को उजागर किया और फिर एफआईआर दर्ज कराने का प्रयास कर रहे हैं।
मंत्री तक का फोन आया!
मामले की विस्तृत जानकारी देते हुए कमलेश बताते हैं कि पारख नर्सिंग होम ने उन्हें दबाव में लाने की भरपूर कोशिश की। इसी कोशिश में जिला भाजपा से जुड़े शहर के निर्वाचित पद पर काबिज एक जनप्रतिनिधि सहित प्रदेश के एक मंत्री से फोन कराया गया।
कमलेश के शब्दों में उन्हें प्रलोभित करने के साथ-साथ उनकी आवाज को दबाने की कोशिश की गई। लेकिन कहते हैं न, सच परेशान हो सकता है परास्त नहीं। उन्होंने 12 जुलाई को बसंतपुर थाने में लिखित शिकायत की। तब सेे लेकर शिकवा-शिकायत चल रही है लेकिन मामले में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई है।