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अंबिकापुर.
निजी तो निजी बल्कि शासकीय बैंकों के कर्मचारी भी अब घपलेबाजी में शामिल हो गए हैं. तभी तो जिस व्यक्ति की मृत्यु 2008 में ही हो चुकी थी उसी व्यक्ति के नाम से 2014 में लोन निकाल लिया गया. अब स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआई) का अमला पुलिस कार्रवाई झेल रहा है.
जिले के एक थाने का नाम लखनपुर है. इसी थाना अंतर्गत गाँव खुटिया आता है. खुटिया निवासी ग्रामीण से यह मामला जुडा़ हुआ है.
खुटिया निवासी रामअवतार पेशे से किसान हैं. उनके पिता रामचरण की मृत्यु वर्ष 2008 में हो चुकी है.
रामअवतार बताते हैं कि उन्हें जमीन से जुडे़ दस्तावेज जैसेकि बी वन की जरूरत थी. इसके लिए जब उन्होंने बी वन निकलवाया तो उनके होश उड़ गए.
दरअसल, उनके जिन पिताजी की मौत 2008 में हो चुकी थी उन्हीं के नाम से 2014 में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) से लोन निकाल लिया गया था. बकाया लोन की यह रकम भी छोटी नहीं बल्कि दो लाख 18 हजार रूपए थी. इसके बाद एफआईआर कराई.
मामला स्टेट बैंक आफ इंडिया (एसबीआई) की लखनपुर शाखा का था. प्राथमिक सूचना रपट दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की जाँच जुटी थी.
जाँच में स्पष्ट हुआ कि फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर मृतक के नाम से लोन निकाला गया है. इसमें बैंक प्रबँधक सहित शाखा के कई अन्य कर्मचारी शामिल रहे थे.
अंततः पुलिस ने मामले में एसबीआई की लखनपुर शाखा के प्रबँधक देवेंद्र सहित उनका साथ देने वाले कर्मचारियों बृजलाल यादव, विजय सिंह, नंदलाल राजवाडे़, सीताराम कँवर, दरोगा दास, बलराम बसोर को धर दबोचा है.
पुलिस कहती है कि आरोपी कर्मचारियों ने स्वीकार किया है कि उन्होंने फर्जी दस्तावेज तैयार कर 2014 में लोन निकाला था. दोषी शाखा प्रबँधक व अन्य कर्मी स्वीकारते हैं कि मृतक के नाम से केसीसी लोन में उनके द्वारा फर्जीवाडा़ किया गया था.