डोंगरगांव। प्राचीन और पौराणिक संस्कृति व मान्यताओं को जन-जन तक पहुंचाने, लोगों में ग्रामीण क्षेत्र में नाना प्रकार के विराजित देवी-देवताओं के प्रति आस्था और श्रद्धा जगाने की दृष्टि से अंचल में माता देवालय दर्शन यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इसकी शुरूआत ब्लॉक मुख्यालय डोंगरगांव से 17 अक्टूबर से होगी। यह यात्रा विधानसभा क्षेत्र के प्रत्येक गांव तक पहुंचेगी और इस दौरान गांव गांव में यात्रा का पड़ाव होगा।
लोक मंड़ई के सृजेता, लोक कलाकार तथा क्षेत्रीय विधायक दलेश्वर साहू द्वारा तैयार किये गये कांसेप्ट के अनुसार पूरे प्रदेश में पहली बार अपने तरह के इस अनूठे दर्शन यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। इसके माध्यम से लोगों को ग्राम्य क्षेत्र में सरहद से लेकर गांव के विभिन्न स्थानों में विराजित देवी-देवताओं की जानकारी से रूबरू कराया जायेगा। एक प्रेस वार्ता में माता देवालय दर्शन यात्रा के संयोजक तथा संरक्षक दलेश्वर साहू ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य नई युवा पीढ़ी को हमारे माता देवालय व ग्रामीण देवी-देवताओं से संबंधित मान्यताओं और वैज्ञानिक कारणों से अवगत कराना है।
उन्होंने बताया कि हम देखते है कि गांव में विभिन्न स्थानों पर नाना प्रकार की मूर्तियां व पत्थर लगे रहते हैं, जिन्हें देवी-देवता मानकर हम नमन और वंदन करते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है, लेकिन आज की पीढ़ी को यह नहीं मालूम होता है कि वे कौन से देवी-देवता हैं। गांव के बुजुर्ग या सियान लोगों से इस संबंध में जानकारी लेने पर कई इस संबंध में बताने में असमर्थ होते हैं। जबकि, सभी देवी-देवताओं का अपना अलग महत्व होता है। उन्होंने बताया कि शहरी या नगरीय क्षेत्रों को छोड़ दिया जाये तो ग्रामीण क्षेत्रों में इन देवी-देवताओं की भरपूर मान्यता है और महीने में दो-तीन दिन इस प्रकार के त्यौहार मनाये जाते हैं, जिसमें ग्रामीणों को अन्यत्र आना-जाना वर्जित किये जाने के अलावा दैनिक चर्या पर भी रोक और पाबंदी रहती है। इसका पालन नहीं करने वालों से गांव के प्रमुख लोग दंड भी वसूल करते हैं। यह कई सालों से चला आ रहा है, लेकिन इसका वैज्ञानिक कारण न तो किसी को मालूम है और न ही किसी ने इसे जानने का प्रयास किया। इन्हीं सब बातों को लेकर उनके मन में इस तरह की यात्रा निकालने का विचार आया और वे पिछले एक साल से इस यात्रा के आयोजन पर काम कर रहे हैं।
विधायक श्री साहू ने बताया कि यात्रा के माध्यम से अंचल के जीर्ण-शीर्ण देवालयों के जीर्णोद्धार की एक अलग प्रकार की मुहिम वह शुरू करने वाले हैं। शासन स्तर पर ऐसी अनेक योजनाएं हैं, जिनके माध्यम से मंदिरों व देवालयों का पुनर्निर्माण व उद्धार किया जा सकता है। उन्होनें यह भी बताया कि माता देवालय दर्शन यात्रा के संबंध में वरिष्ठ साहित्यकारों के सहयोग से एक पत्रिका का प्रकाशन भी किया जा रहा है, जिसमें अंचल में विराजित विभिन्न देवी-देवताओं की सचित्र जानकारी होगी।
माता देवालय दर्शन यात्रा का शुभारंभ 17 अक्टूबर को ब्लॉक मुख्यालय डोंगरगांव से होगा। नगर के कॉलेज रोड स्थित शीतला मंदिर में विधि-विधानपूर्वक पूजन के बाद यात्रा नगर के फौव्वारा चौक, चंडी मंदिर, मेन रोड, थाना रोड होते हुए किल्लापारा स्थित शीतला मंदिर पहुंचेगी, उसके बाद यह यात्रा बरगांव, गुंगेरी नवागांव, जामसरार होते हुए मनेरी पहुंचेगी, जहां पर पहले दिन की यात्रा का समापन होगा।
दर्शन यात्रा के साथ माता देवाला सहित अन्य देवी-देवताओं की चलित झांकिया चलेंगी। मुख्य वाहन में माता शीतला की प्रतिमा के साथ बैरग आदि रहेंगे, जबकि दूसरे वाहन में साहड़ा देव, बघारन पाठ, भैंसासुर, कंकालिन माता सहित अन्य देवी-देवताओं की प्रतिकृति रहेगी। यात्रा के साथ भजन व गीत-संगीत की टोली भी निरंतर चलायमान रहेगी। जानकारी के अनुसार यात्रा के साथ प्रसिद्ध कुंवारी माता तथा सोनेसरार की डामेश्वरी माता भी एक रथ पर सवार रहेंगी। वहीं प्रसिद्ध भजन सम्राट पं. विवेक शर्मा यात्रा के विभिन्न पड़ावों में सुमधुर भजन प्रस्तुत करेंगे। प्रेस वार्ता के दौरान किसान नेता गुलाव वर्मा तथा विधायक प्रतिनिधि रवि शुक्ला उपस्थित थे।
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