रायपुर।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय के प्रति भाजपा के वरिष्ठ नेता कैसी बेरुखी अपनाए हुए हैं यह साय के राजनांदगांव प्रवास के दौरान समझ आया। पूर्व नेता प्रतिपक्ष साय से मिलने वरिष्ठ नेताओं में लीलाराम भोजवानी को छोड़कर कोई और नहीं पहुंचा। इक्का-दुक्का भाजपा कार्यकर्ताओं से मिलकर साय नांदगांव से निकल आए।
आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष साय का नांदगांव प्रवास पूर्व निर्धारित था। इसके बावजूद भाजपा के नेता व कार्यकर्ता साय से मिलने आतुर नजर नहीं आए। तकरीबन सभी कार्यकर्ताओं-नेताओं ने साय से एक तरह से दूरी बना रखी थी। चंद नाम छोड़ दिए जाएं तो किसी ने भी साय से मिलकर उनके अनुभव का लाभ उठाने अथवा राजनीतिक मसलों पर विचार-विमर्श करने की जहमत नहीं उठाई।
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साय से ये सब मिले
साय को कभी भाजपा की धुरी माना जाता था। जिस समय अजीत जोगी की सरकार छत्तीसगढ़ में थी तब नंदकुमार साय उनकी खिलाफत का भाजपाई झंडा लिए घूमते थे। नेता प्रतिपक्ष रहने के दौरान जोगी सरकार में हुए लाठी चार्ज में नंदकुमार साय अपना पैर भी तुड़वा चुके थे। उन्हीं साय से आज मिलने इक्का-दुक्का भाजपाई सर्किट हाऊस पहुंचे थे।
नांदगांव के पूर्व विधायक व वर्तमान में सीएम के विधायक प्रतिनिधि लीलाराम भोजवानी सहित विवेक साहू, सुरेश खंडेलवाल जैसे नाम साय से मिलने के दौरान नजर आए जिनकी अपनी ही पार्टी में कोई पूछ-परख नहीं है। लगता है भाजपाईयों ने साय से किनारा ही कर लिया है।