रायपुर।
सरगुजा रेंज के आईजी हिमांशु गुप्ता अचानक चर्चा में आ गए हैं। चर्चा भी ऐसी-वैसी नहीं बल्कि उनके चरित्र पर सवाल उठाने वाली है। दरअसल, आज महिला आयोग के दफ्तर के सामने धरने पर बैठी एक महिला ने अपनी पति पर जो आरोप लगाया है वह कहीं न कहीं आईजी गुप्ता से जुड़ा हुआ है।
मामला धमतरी का है। वहां अखिलेश खंडेलवाल नामक उघोगपति रहते हैं। अखिलेश की पत्नी का उनसे पारिवारिक विवाद चल रहा है। सविता खंडेलवाल और अखिलेश के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि आज अपने 11 साल के बच्चे के साथ सविता ने छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के दरवाजे पर धरना दे दिया।
क्या सच कह रहीं हैं सविता..!
सविता का कहना है कि उनके पति अखिलेश खंडेलवाल द्वारा लगाए जा रहे बेबुनियाद आरोपों से वे परेशान हैं। आईजी रैंक के पुलिस अधिकारी हिमांशु गुप्ता के साथ नाम जोड़कर उनके पति उन्हें बदनाम भी करते हैं। इन सब आरोपों से परेशान होकर उन्होंने कोर्ट में याचिका दायर की। पति के रसूख के कारण वकील भी उनके केस लडऩे में गड़बड़ी करते हैं। वे कभी केस के सुनवाई के दौरान सवाल जवाब नहीं करते तो सही दस्तावेज भी जमा नहीं करवाते।
सविता यहीं पर नहीं रुकीं। उन्होंने यहां तक कहा कि उनके पास रहने के लिए घर तक नहीं है। कोर्ट से मकान पर स्टे आने के बावजूद पुलिस ने ताला तोड़कर अखिलेश खंडेलवाल को दे दिया है। इन सभी गड़बडिय़ों को लेकर व जलविहार स्थित छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के सामने धरने पर बैठी हैं।
इस मामले में आयोग की अध्यक्ष हर्षिता पांडे का कहना है कि सविता द्वारा बताए जा रहे मामले कोर्ट में चल रहे हैं। न्यायालयीन प्रक्रिया में होने के कारण आयोग में सुनवाई नहीं की जा सकती। इन सबसे अलग कोई समस्या हो तो महिला आयोग उसकी जांच करेगा।
उधर, पीडि़ता सविता खंडेलवाल का कहना है कि वे पिछले कई वर्षों से घरेलू हिंसा का शिकार हैं। उन्होंने धमतरी कलेक्टर, एसपी से लेकर सीएम तक गुहार लगाई है। लेकिन उन्हें कहीं से मदद नहीं मिली। खंडेलवाल बताती हैं कि वे राज्य महिला आयोग का दरवाजा भी खटखटा चुकी हैं, लेकिन यहां भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है।
बकौल सविता सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि किसी महिला का मामला भले ही न्यायालीन हो, लेकिन उसकी समस्याओं को महिला आयोग सुन सकता है, लेकिन उन्हें हर बार न्यायालय का हवाला देकर खाली हाथ लौटा दिया जाता है। सविता का 11 साल का बच्चा पिछले चार साल से स्कूल भी नहीं जा पाया है।
आईजी ने फोन नहीं उठाया…
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