रायपुर। आयुष्मान भारत योजना को इंश्योरेंस व ट्रस्ट मोड में चलाने को लेकर चिकित्सकों और स्वास्थ्य मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल के बीच निवास कार्यालय में विस्तृत चर्चा हुई। इसको लेकर चिकित्सकों व विभाग के बीच व्यापक सहमति निर्मित कर निर्णय पर पहुंचने की बात स्वास्थ्य मंत्री श्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कही।
चिकित्सकों ने आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में आने वाली समस्याओं और अन्य मुद्दों पर स्वास्थ्य मंत्री के समक्ष अपनी बात रखी। इस दौरान आयुष्मान योजना में चिकित्सकों की शिकायतों के समाधान के लिए सुधारात्मक कदम उठाने पर भी विचार हुआ। मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि सरकार चिकित्सकों के साथ मिलकर योजना के हित में किसी भी तरह का निर्णय लेगी।
चर्चा के दौरान एमबीबीएस और स्नात्कोत्तर के छात्रों के बॉन्ड को समाप्त करने की मांग पर भी चर्चा हुई। जिस पर स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने कहा कि एमबीबीएस में प्रवेश लेने वाले छात्रों को बॉन्ड से मुक्त करने की दिशा में विचार किया जाएगा। इसके साथ ही रूरल बॉन्ड की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाने का भी निर्देश दिया गया, ताकि छात्रों का समय खराब न हो। स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वस्त किया कि शासकीय सेवा के दौरान स्नात्कोत्तर की पढ़ाई करने वाले डॉक्टरों को अब तीन वर्षों का सवैतनिक अध्ययन अवकाश मिलेगा। पूर्ववर्ती सरकार ने इसे घटाकर दो वर्ष कर दिया था, जिसे अव्यवहारिक मानते हुए इसे पुनः तीन वर्षों के लिए करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में नर्सिंग होम एक्ट के तहत् 30 बिस्तरों के अस्पताल को छूट देने की मांग पर भी चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री जी ने इस पर सहमति जताते हुए शीघ्र ही आदेश जारी करने को लेकर आश्वस्त किया। उन्होंने पर्यावरण, फायर फाईटिंग आदि के लिए सिंगल विंडो की प्रक्रिया शुरू करने की भी बात कही। पी.एन.डी.टी. एक्ट, छात्रावास संबंधी समस्या, चिकित्सक प्रोटेक्शन एक्ट, संविदा चिकित्सकों के नियमितीकरण, राज्य चिकित्सा प्रशासनिक सेवा प्राधिकरण के गठन, बायोमेडिकल वेस्ट प्लाण्ट को लेकर भी स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल से चर्चा हुई। सभी विषयों पर स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल ने सहमति बनाते हुए सुधार या किसी निर्णय पर पहुंचने का आश्वासन दिया।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री श्री जायसवाल के साथ विशेष सचिव चंदन कुमार, संचालक, महामारी डॉ. सुरेन्द्र पामभोई, राज्य नोडल अधिकारी, आयुष्मान भारत, डॉ. धर्मेन्द्र गहवई, डिप्टी डायरेक्टर, चिकित्सा शिक्षा डॉ. प्रतीक प्रधान, डॉ. पुर्णेन्दु सक्सेना, आईएमएस के प्रदेश अध्यक्ष, डॉ. विनोद तिवारी, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक डॉ. विमल चोपड़ा, डॉ. कमलेश्वर अग्रवाल, डॉ. प्रशांत द्विवेदी, डॉ. सुरेन्द्र शुक्ला, डॉ. अशोक त्रिपाठी, डॉ. प्रेम चौधरी समेत अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।
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